नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद भारत पहली बार कृषि निर्यात के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में पहुंचा है और उसकी पहचान एक कृषि निर्यातक देश की बन रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की नयी किस्त जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने देश को दाल और खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम मिशन की घोषणा की और इसमें 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि किसानों ओर सरकार की साझेदारी के कारण आज देश के अन्न भंडार भरे हुए हैं। उन्होंने कहा, गेहूं, चावल और चीनी की आत्मनिर्भरता काफी नहीं है। हमें दाल और खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर होना होगा। देश के किसान ऐसा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने उन दिनों की याद दिलाई और कहा कि एक समय था जब देश में दालों का आयात करना पड़ता था लेकिन उनके एक आह्वान के बाद इस क्षेत्र में स्थिति बदल गई। उन्होंने कहा, पिछले छह सालों में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो काम हमने दाल के मामले में किया वही संकल्प अब हमें खाद्य तेलों के उत्पादन में लेना है। इसके लिए तेजी से काम करना है ताकि देश इसमें भी आत्मनिर्भर बन सके। प्रधानमंत्री ने इसके मद्देनजर राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम मिशन की घोषणा करते हुए कहा कि आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के शीर्ष 10 देशों में पहुंचा है और कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने कहा, आज जब भारत की पहचान एक बड़े कृषि निर्यातक देश की बन रही है तब हम खाद्य तेल की अपनी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहें, यह उचित नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े तंत्र पर 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उत्तम बीज से लेकर प्रौद्योगिकी और अन्य सभी सुविधाएं मिले। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम-किसान योजना की नयी किस्त जारी करते हुए देश भर के 9.75 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 19,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में एक क्लिक के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में राशि सीधे हस्तांतरित की गई।