नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने सोमवार 15 मार्च 2021 को गुपचुप तरीके से अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके कार्यालय ने इसकी पुष्टि मंगलवार 16 मार्च को की है कि उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि, देश के टॉप आॅफिस से बाहर जाने की वजहें अभी साफ नहीं हैं। पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर एक बड़े अधिकारी ने कहा, उन्होंने 15 मार्च को कार्यभार त्याग दिया है। उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा का कार्यकाल पीएम मोदी के कार्यकाल के बराबर था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सिन्हा कैबिनेट सेके्रटरी रहे। उन्होंने यूपीए काल में नियुक्त अजित सेठ का स्थान लिया था। कैबिनेट सेके्रटरी बनने से पहले वह पावर और शिपिंग मिनिस्ट्री में सेक्रेटरी थे। 2019 में कैबिनेट सेक्रेटरी के पद से रिटायरमेंट के बाद पीएमओ में उनके लिए पीएमओ में स्पेशल पद क्रिएट किया गया था और उन्हें आॅफिसर और स्पेशल ड्यूटी बनाया गया। पीएमओ से नृपेंद्र मिश्रा के जाने के बाद पीके सिन्हा को पीएम मोदी का मुख्य सलाहकार बनाया गया। सितंबर 2019 में जारी एक आदेश के मुताबिक सिन्हा सभी मंत्रालयों, विभागों, एजेंसियों और निकायों के नीतिगत मामलों को देखते थे। सिन्हा के इस्तीफे को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।