Home छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक विधानसभा में पारित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक विधानसभा में पारित

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्ष 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने सदन में विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान कहा कि कोविड महामारी ने हमें जीने का एक नया नजरिया दिया है, जिसमें मानवता ग्लोबल हो, लेकिन अपने परिवेश और संसाधनों के विकास का नजरिया लोकल हो। ग्लोबल इनसानियत और लोकल जरूरत के बीच जितना अच्छा संतुलन होगा, न्याय संगत विकास के हमारे प्रयास उतने ही सटीक होंगे। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की हमारी सोच को अमल में लाने की रणनीति में इससे समानता दिखती है। वर्ष 2021-22 का बजट हमारी आंतरिक शक्ति को बढ़ाने वाला और हमारी दीर्घकालीन रणनीतियों की आरंभिक कड़ी है। इस बजट के साथ छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में अपने संसाधनों की रक्षा और सदुपयोग का नया अध्याय लिखा जाएगा। यह बजट पोस्ट कोविड दुनिया में छत्तीसगढ़ की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि कोविड के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की विधानसभा का पावस सत्र, शीतकालीन सत्र और विशेष सत्र के बाद बजट सत्र भी आयोजित किया गया, जबकि कई राज्यों में विधानसभा के सत्र संक्षिप्त किए गए। लोकसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विनियोग विधेयक पर भी सरकार चर्चा की तैयारी के साथ विधानसभा में उपस्थित है, लेकिन विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के बजट में राज्य सरकार ने गरीबों, किसानों सहित सभी वर्गों के लिए न्याय की व्यवस्था करने का प्रयास किया है, अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के बाद इस बजट में कृषि श्रमिकों के लिए भी नवीन न्याय योजना ला रहे हैं, ताकि गरीबों को भी न्याय मिले। हमारे पुरखों ने छत्तीसगढ़ के लिए जो सपना देखा था, उसे हम साकार करेंगे। पुरखों के सपने यहां के गरीबों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, किसानों, मजदूरों, ग्रामीणों के उत्थान, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए थे। राज्य सरकार भी इसी दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के विनियोग का आकार (कुल व्यय) 01 लाख 05 हजार 213 करोड़ रुपए का है। शुद्ध व्यय 97 हजार 106 करोड़, राजस्व व्यय 83 हजार 27 करोड़ तथा पूंजीगत व्यय 13 हजार 839 करोड़ रुपए है। जबकि कुल प्राप्तियां 97 हजार 145 करोड़ रुपए, राजस्व प्राप्तियां 79 हजार 325 करोड़, पूंजीगत प्राप्तियां 17 हजार 820 करोड़ है। वित्तीय संकेतक के अनुसार राजस्व घाटा 03 हजार 702 करोड़, वित्तीय घाटा 17 हजार 461 करोड़ रुपए है। वर्ष 2021-22 के लिए अनुमानित जीएसडीपी 03 लाख 83 हजार 98 करोड़, जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में वित्तीय घाटा 4.56 प्रतिशत है। बजट में अनुसूचित जनजाति के लिए 34 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत, सामाजिक क्षेत्र के लिए 38 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिए 39 प्रतिशत, कृषि बजट का आकार 18 हजार 466 करोड़ रुपए है।

राज्य की आर्थिक स्थिति वर्ष 2020-21 के प्रावधिक अनुमान के अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 1.77 प्रतिशत की कमी संभावित है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 7.7 प्रतिशत की कमी की तुलना में बेहतर है। वर्ष 2020-21 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 4.61 प्रतिशत की वृद्धि, औद्योगिक क्षेत्र में 5.28 प्रतिशत की कमी और सेवा क्षेत्र में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। कृषि, औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धिदर 3.4 एवं माइनस 9.6 प्रतिशत तथा माइनस 9.8 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि बस्तर संभाग के सभी जिलों में बस्तर टाइगर्स के नाम से विशेष पुलिस बल का गठन किया जाएगा। इसके लिए 02 हजार 800 नवीन पदों की स्वीकृति के लिए बजट में 92 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बल में अंदरुनी ग्रामों के स्थानीय युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। उनके अंदरुनी क्षेत्र एवं जंगल की जानकारी का लाभ नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस बल को मिले, इस उद्देश्य से विशेष बल का गठन किया जा रहा है। कन्या छात्रावास एवं आश्रमों में निवासरत बालिकाओं की सुरक्षा के लिए महिला होमगार्ड के 2,200 नवीन पदों की स्वीकृति के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। राज्य पुलिस मुख्यालय में साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 20 नवीन पद सृजन सहित बजट में 01 करोड़ 33 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। शहरी क्षेत्रों में विस्तार को देखते हुए बेहतर नागरिक सुरक्षा व्यवस्था के लिए रायपुर-पश्चिम एवं जांजगीर-चांपा में तथा नक्सल ऑपरेशन को गति प्रदान करने के लिए मानपुर (जिला राजनांदगांव), बीजापुर (नक्सल ऑपरेशन) एवं भानुप्रतापपुर (जिला कांकेर) में कुल 05 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नवीन कार्यालय स्थापित किए जाएंगे।