रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में दीपन कुमार चक्रवर्ती द्वारा घाघ और भड्डरी की कहावतों को संकलित कर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने घाघ और भड्डरी पुस्तक के संकलनकर्ता तथा संपादक श्री चक्रवर्ती को इसके प्रकाशन के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक पाठकों में अत्यंत लोकप्रिय सिद्ध होगी। गौरतलब है कि भड्डरी की कहावतें प्राय: कृषि तथा वर्षा-विषयक है। उनकी कहावतें छत्तीसगढ़ सहित बिहार, मध्यप्रदेश और संयुक्त प्रांतों से लेकर सारे राजपुताना और पंजाब तक फैली हुई है। इनके कहावतों के कुछ नुमाइंदे-अगसर खेती अगसर मार-कहें घाघ ते कबहुं न हार। घाघ कहते हैं कि जो सबसे पहले खेत बोता है और जो सबसे पहले मारता है, वे कभी नहीं हारते। इसी तरह प्रात: काल खटिया ते उठी कै पिअइ तुरंतै पानी। कबहूं घर में बैद न अइहैं बात घाघ कै जानी। प्रात: काल खाट पर से उठते ही तुरंत पानी पी लिया करे तो कभी बीमार न हो, यह बात घाघ की आजमाई हुई है। ईख तिस्सा-मोहूं बिस्सा अर्थात ईख की पैदावार तीस गुनी होती है और गेहूं की बीस गुनी। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह तथा विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक आदि उपस्थित थे।