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पायलट ने गहलोत को फिर लिखी चिट्ठी, आरक्षण देने का वादा याद दिलाया

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जयपुर। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। शनिवार को सामने आया यह पत्र 10 दिन पहले लिखा गया था। पिछले महीने पायलट और गहलोत के बीच ऐसे ही कुछ मुद्दों को लेकर विवाद हुआ था, जिसे कांग्रेस आलाकमान ने सुलझाया था, इसके बाद पायलट का गहलोत का लिखा गया यह पहला पत्र है।

इसमें पायलट ने गहलोत को 2018 के चुनावी घोषणा पत्र की फिर याद दिलाई है। पायलट ने इसमें लिखा है कि राज्य सरकार की नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) समुदाय को 5% आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। एसबीसी में गुर्जर समेत 5 जातियां शामिल हैं।

दरअसल, मई 2010 में विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत इन पांच जातियों को 1 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा था। बाद में राज्य सरकार ने नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत 4% आरक्षण बढ़ाकर 5% कर दिया था। हालांकि, सरकार की तरफ से इसको अधिसूचित नहीं किया गया।

ऐसे में जो भी भर्ती राज्य सरकार की तरफ से निकाली गई है, उनमें गुर्जर और अन्य जातियों के परीक्षार्थियों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा 2018 के घोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था।

सचिन ने पत्र में भर्तियों के नाम भी बताए

पायलट ने पत्र में उन भर्तियों की लिस्ट भी दी, जिनमें 5% आरक्षण नहीं दिया जा रहा। इनमें पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018, रीट भर्ती 2018, पंचायती राज एलडीसी भर्ती 2013, टेक्निकल हेल्पर भर्ती 2018, नर्सिंग भर्ती 2013 और 2018, जेल प्रहरी भर्ती 2018, आशा सुपरवाइजर भर्ती 2016, कॉमर्शियल असिस्टेंट भर्ती 2018, द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 और अन्य शामिल की गईं।

पायलट ने अपने पत्र में लिखा है कि इससे पहले की कांग्रेस सरकार में 2011 में समझौता हुआ था कि 4% अतिरिक्त पद एसबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे। फरवरी 2019 में एसबीसी प्रतिनिधियों से बीच हुए समझौते के अनुसार 4% अतिरिक्त पद स्वीकृत करने और वर्तमान में चल रही भर्तियों में पद स्वीकृत के आदेश जारी होने के बाद भी कुछ भर्तियों को छोड़कर बाकी में 5% आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।

इसके साथ सचिन पायलट ने लिखा कि देवनारायण बोर्ड और देवनारायण योजना के अन्तर्गत आने वाले काम भी लगभग ठप्प पड़े हैं, जो पीड़ादायक है। समय-समय पर लोग मिलकर दोनों योजनाओं पर काम करने की मांग करते हैं।

बता दें कि जुलाई में गहलोत और पायलट गुट में विवाद हुआ था। इसके बाद पायलट अपने गुट के विधायकों के साथ मानेसर स्थित होटल में चले गए थे। वहीं, गहलोत समर्थक विधायकों की जयपुर में बाड़ेबंदी की गई थी। करीब 33 दिन बाद पायलट अपने समर्थकों के साथ जयपुर लौटे थे। पायलट ने कहा था कि राजद्रोह के मामले में मुझे एक नोटिस मिला था। उस आपत्ति को और पिछले कुछ सालों के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली गया था।