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मध्यप्रदेश में स्थानीय लोगों को नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता

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मध्य प्रदेश। अन्य राज्यों के लोगों को सरकारी नौकरी से रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि केवल मध्य प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियां मिलें, इसके लिए कानूनी कदम उठाएंगे।
शिवराज ने एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी कानून बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश के संसाधन केवल प्रदेश के बच्चों के लिए होंगे।
अब तक मध्य प्रदेश सरकार की भर्ती के लिए पूरे देश से आवेदन मांगे जाते थे। इसमें कोई बंदिश नहीं थी, नौकरियों के देशभर से कोई भी आवेदन कर सकता था। हाल ही में जेल प्रहरी भर्ती का विज्ञापन भी आॅल इंडिया लेवल पर निकाला गया था। इसे लेकर मध्य प्रदेश के युवाओं ने काफी विरोध भी किया था।

भाजपा की आने वाले उपचुनाव पर नजर
प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है। हालांकि, ये तय होना बाकी है कि दूसरे राज्यों से आए जो लोग मध्य प्रदेश में रह कर रहे हैं, उनके लिए क्या नियम होंगे। साथ ही नई व्यवस्था कब से लागू होगी, इसका ऐलान नहीं किया गया है, सरकार ने ये साफ कर दिया है कि कानून में संसोधन किया जाएगा। अब तक एमपीपीएससी और अन्य नौकरियों के लिए देशभर से आवेदन आते थे, सभी को बराबर की भागीदारी थी, लेकिन नया नियम आने की स्थिति में केवल प्रदेश के निवासी ही सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर पाएंगे।

कमलनाथ बोले- यह चुनावी घोषणा बनकर न रह जाए
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने अपनी 15 माह की सरकार में उद्योग नीति में परिवर्तन किया और 70% प्रदेश के स्थानीय युवाओं को रोजगार देना अनिवार्य किया। आप (शिवराज) 15 वर्ष बाद आज युवाओं के रोजगार को लेकर नींद से जागे, लेकिन यह सिर्फ घोषणा बनकर ही न रह जाए। प्रदेश के युवाओं के हक के साथ छलावा न हो। मात्र चुनावी घोषणा बनकर न रह जाए, इस बात का ध्यान रखा जाए,अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।

मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस केवल कहती है, लेकिन करती कुछ नहीं है। इस फैसले से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा, उनके अवसर बढ़ जाएंगे। मैं कहता हूं कि सरकार के इस फैसले का कांग्रेस को स्वागत करना चाहिए, लेकिन उन्हें नौटंकी के अलावा कुछ नहीं आता।

सरकार का फैसला स्पष्ट नहीं, डेटा जारी नहीं करने से असमंजस की स्थिति
राजनैतिक जानकार इसे बड़ा फैसला मानते हैं। वे सवाल भी उठाते हैं कि सरकारी नौकरी में प्रदेश के युवाओं को ही मौका देने का फैसला लिया गया है, लेकिन किस विभाग में कितनी नौकरी हैं, इसका कोई डेटा जारी नहीं किया। प्रदेश सरकार ने सबसे बड़े सेक्टर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में नौकरियां कॉन्ट्रैक्ट आधारित कर दी हैं। साथ ही प्राइवेट सेक्टर में रोजगार को लेकर भी सरकार ने फैसले में कुछ स्पष्ट नहीं किया है। प्राइवेट सेक्टर में रोजगार स्किल्ड युवाओं को मिलता है। ऐसे में अपने प्रदेश के युवाओं की स्किल कैपेसिटी बढ़ाने की तरफ भी सरकार को सोचना होगा।