मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा विभाग को दो टूक आदेश दिए हैं। उन्होंने सख्ती से कहा है कि कोरोना संकटकाल में कोई भी निजी स्कूल बच्चों से ट्यूशन फीस के अलावा कुछ नहीं लेगा। इतना ही नहीं, फीस नहीं भर पाने वाले बच्चों को किसी भी स्थिति में स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है। अधिकारी निजी स्कूलों की निगरानी करें और परेशानी में फंसे अभिभावकों का ध्यान रखें।
शिवराज ने गुरुवार को अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश में शिक्षा विभाग की गतिविधियों और नई शिक्षा नीति के संबंध में बैठक ली। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति को देश के भविष्य के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में नई शिक्षा नीति के अनुसार कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, कोविड-19 के संकट को देखते हुए निजी स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही ले सकते हैं। फीस भी नहीं भर पाने के बाद भी किसी भी स्थिति में बच्चों को स्कूल से नहीं निकाल सकते हैं।
स्कूल-कॉलेज 31 जुलाई तक बंद हैं
मध्य प्रदेश में प्राइवेट और सरकारी स्कूल 31 अगस्त तक बंद रहेंगे। इस संबंध में आज आदेश जारी हो गया है। केंद्र सरकार की अनलॉक-3 की गाइडलाइन में स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले 30 जुलाई तक बंद रखने के आदेश थे। कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक कार्य पहले से ही बंद हैं।