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राजस्थान हाईकोर्ट का विधानसभा स्पीकर को निर्देश- विधायकों को भेजे गए नोटिस पर 21 जुलाई तक कोई एक्शन ना लें

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राजस्थान। राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच शुक्रवार को सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच के सामने कांग्रेस विधायकों की ओर से हरीश साल्वे ने दलीलें दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दल-बदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

कोर्ट ने सुनवाई 20 जुलाई तक टालते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर नोटिस पर मंगलवार शाम 5 बजे तक कोई एक्शन ना लें। पहले यह माना जा रहा था कि स्पीकर जल्द अयोग्यता पर फैसला सुना सकते हैं। क्योंकि, कांग्रेस विधायकों से शाम तक जवाब मांगा गया था।
इस मामले में सचिन पायलट के वकील मुकुल रोहतगी हैं और राजस्थान स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंधवी पैरवी कर रहे हैं।

भाजपा में भी दिख रहे दो गुट

राजस्थान में कांग्रेस के घमासान के बीच भाजपा में भी दो गुट दिखाई दे रहे हैं। इस चर्चा को हवा तब मिली, जब भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया, वसुंधरा राजे ने राजस्थान कांग्रेस में उनके करीबी विधायकों से फोन करके गहलोत का साथ देने की बात कही है। सीकर और नागौर जिले के एक-एक जाट विधायकों को वसुंधरा ने खुद बात करके पायलट से दूरी बनाने को कहा है। इसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास हैं। वसुंधरा राजे को बुधवार को पार्टी मीटिंग के लिए जयपुर आना था, लेकिन वे नहीं पहुंची, इससे भाजपा में भी गुटबाजी होती दिख रही है।

वायरल ऑडियो भी चर्चा का विषय बने

गुरुवार देर रात विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी बातचीत के तीन आॅडियो वायरल हुए। इन आॅडियो में एक व्यक्ति खुद को संजय जैन और दूसरा खुद को गजेंद्र सिंह बता रहा है। दो आॅडियो में बातचीत राजस्थानी में है। जबकि, तीसरे में हिंदी और अंग्रेजी में बातचीत हो रही है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह आॅडियो कब के हैं।

गुरुवार को ऐसे चला पूरा घटनाक्रम

गुरुवार सुबह करीब 12 बजे सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
दिन में 3 बजे पहली सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई को अमेंडमेंट की कॉपी नहीं होने पर 15 मिनट में ही टाल दिया गया था।
इसके बाद करीब 4.15 बजे पायलट गुट के वकीलों द्वारा फिर संशोधित याचिका लगाई गई।
शाम 5 बजे संशोधित याचिका पर सुनवाई हुई। इसके बाद मामला डिवीजन बैंच को ट्रांसफर कर दिया गया।
डिविजनल बैंच में पहले शाम 7.30 बजे सुनवाई का वक्त किया गया। इसे 8 बचे तक बढ़ा दिया गया। अब शुक्रवार को दिन में 1 बजे सुनवाई का वक्त निर्धारित किया गया है।
इन विधायकों को नोटिस दिया गया

सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।

राजस्थान सरकार द्वार कैवियट भी दायर की गई

वहीं, याचिका के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष और राजस्थान सरकार द्वारा कैवियट दायर की गई है। याचिका की सुनवाई के दौरान कैवियट पर भी पक्ष सुना जाएगा।

पिटीशन मेरी मुझे ही पार्टी नहीं बनाया- मुख्य सचेतक जोशी

मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि पिटीशन मेरी, और मुझे ही पार्टी नहीं बनाया गया। इससे साफ होता है कि उनके पास ठोस आधार नहीं है। उन्होंने जो याचिका लगाई उसमें कह रहे हैं कि कुछ संशोधन करना है। पहली बात हरीश साल्वे जैसे बड़े वकील के यहां से याचिका आई है। वो भी पूरी नहीं, जिससे साबित होता है कि बिना तैयारी के आनन-फानन में ये कोशिश की है। अदालत ने कहा है कि आप नए तरीके से याचिका दायर कीजिए। सभी चीजें नए सिरे से तय करेंगे। आज सुनवाई होगी या नहीं होगी, ये सब चीजें तय करेंगे।

डर पैदा होने पर ऐसे कदम उठा रहे बागी- खाचरियावास

राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खासचरियावास बोले- राजस्थान ने कांग्रेस को वोट देकर जिताया है। अब कांग्रेस के निशान पर जीते लोग भाजपा में जाकर शपथ लेना चाहते हैं। बागी विधायकों को जयपुर में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा नियम और कायदों से चलती है। डर पैदा होने के बाद अब बागी ऐसे कदम उठा रहे हैं। उन्हे पार्टी का व्हिप मानना पड़ेगा। विपक्ष सरकार गिराने में जुटा हुआ है।