नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमने कोरोना के दौर में 150 देशों को मदद दी। सार्क कोविड फंड बनाया। हमने सरकार की कोशिशों को जनता के साथ जोड़ा और कोरोना के खिलाफ जंग को जनता का अभियान बना दिया।
इस साल हमने यूनाइडेट नेशंस की 75वीं वर्षगांठ मनाईं। भारत 50 फाउंडर मेंबर्स में से है, जो सेकंड वर्ल्ड वार के बाद बने थे। आज यूएन 193 देशों को साथ लाया है। इसके साथ ही यूएन से उम्मीदें भी बढ़ी हैं, कई चुनौतियां भी हैं।
मोदी ने कहा- भारत ने यूएन के कामों में योगदान दिया है। आज हम 2030 के एजेंडा और स्थायी विकास के लक्ष्यों में अपना योगदान कर रहे हैं। भारत पूरी दुनिया की जनसंख्या के छठवें हिस्से का घर है। हम जानते हैं कि हमारी जिम्मेदारी क्या है। हम जानते हैं कि अगर भारत अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करता है तो यह दुनिया के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए भी फायदेमंद रहेगा।
सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास
पीएम बोले- हमारा नारा है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। पिछले साल हमने गांधी की 150वीं जयंती मनाई। हमने 6 हजार गांवों में स्वच्छता का लक्ष्य हासिल किया। हमने 10 करोड़ से ज्यादा घरों में टॉयलेट बनाए। 7 करोड़ ग्रामीण महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप का हिस्सा हैं। ये जिंदगियों को बदल रही हैं। हमारी लोकल गवर्नमेंट में 10 लाख से ज्यादा महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं। 6 साल में हमने 40 करोड़ बैंक अकाउंट खोले हैं।
मोदी ने बताया कि विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के साथ-साथ हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं भूले हैं। हमने कार्बन उत्सर्जन रोकने में बहुत बड़ा काम किया है। 450 गीगावाट रिन्युएबल एनर्जी प्रोड्यूस करने का लक्ष्य रखा है। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए हमने सबसे बड़ा अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि भूकंप हों, तूफान हों, इबोला हो या कोई भी मानव जनित या प्राकृतिक परेशानी हो, भारत ने हमेशा दूसरों की मदद की है।
संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं सालगिरह पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधन
प्रधानमंत्री का संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं सालगिरह पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ। इस साल जून में भारत यूएन के सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थाई सदस्य चुना गया था। इसके बाद यह पहला मौका है जब मोदी ने ऐसे किसी कार्यक्रम में अपनी बात रखी।
यूएन के आर्थिक और सामाजिक परिषद ( यूएन ईसीओएसओसी) की ओर से हर साल यह सत्र आयोजित होता है। इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ ही निजी क्षेत्र, सिविक सोसाइटी और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 2016 में इस परिषद की 70वीं सालगरिह पर भी भाषण दिया था।
जून में भारत यूएन की सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया था
भारत जून में 8 साल में 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया था। वोटिंग में महासभा के 193 देशों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 184 देशों ने भारत का समर्थन किया था। भारत के साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी अस्थाई सदस्य चुने गए थे। फिलहाल भारत दो साल के लिए यूएन का अस्थाई सदस्य है। इसके पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।