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पौधरोपण का कार्य को 31 जुलाई तक करें पूर्ण – वन मंत्री अकबर

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रोपित पौधों की सही देखभाल और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वन मण्डलवार वृक्षारोपण कार्यक्रम की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने वन विभाग को पौधरोपण कार्य में विशेष गति लाते हुए इसे चालू माह के अंत तक अर्थात् 31 जुलाई तक हर हालत में पूर्ण करने के लिए सख्त निर्देश दिए। साथ ही रोपित पौधों की सही देखभाल तथा उनकी सुरक्षा के उपायों पर प्रभावी अमल के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

सभी वनमण्डलों द्वारा 2 करोड़ से अधिक पौधों का होगा रोपण

बैठक में बताया गया कि राज्य के समस्त वन मण्डलों में इस वर्ष विभिन्न मदों के अंतर्गत 22 हजार 960 हेक्टेयर रकबा में 2 करोड़ 13 लाख 26 हजार 670 पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही आगामी 11 जुलाई को राज्य के वन तथा वनोत्तर क्षेत्रों में 50 हजार किलोग्राम फलदार पौधों के बीज, छह हजार 500 किलोग्राम सब्जी बीज और 25 लाख सीड बॉल की बुआई होगी। इसके अलावा राज्य के सभी गौठानों में लघु वनोपज पर आधारित विभिन्न प्रजाति के लगभग 3.5 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा।
वन मंत्री अकबर ने समीक्षा करते हुए वनवृत्त बिलासपुर के अंतर्गत बिलासपुर, मुंगेली तथा कटघोरा वनमण्डलों में वृक्षारोपण कार्य में धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया और पौधरोपण में धीमी प्रगति वाले सभी वनमण्डलों को अपेक्षित गति लाने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय कार्यों में गति लाने के लिए वन विभाग के कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक समस्त अमला को अपने निर्धारित मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। वन मण्डलों में विभागीय अमले को मुख्यालय से बाहर रहने की सूचना संबंधित वनमण्डलाधिकारी को पहले से देने के लिए निर्देशित किया गया।
वन मंत्री अकबर ने कहा कि बरसात के शुरू होते ही वन क्षेत्रों में खेती के लिए अतिक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसके मद्देनजर वन विभाग के बीट गार्ड से लेकर वन मण्डलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सजग रहे और अतिक्रमण तथा अवैध कटाई की रोकथाम के लिए कड़ी निगरानी रखे। सभी वनमण्डलाधिकारियों को अपने क्षेत्र में टीम गठित कर निगरानी के लिए गश्त को बढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत वन क्षेत्रों के अतिक्रमण मुक्त संबंधी प्रमाण-पत्र को प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में 25 जुलाई तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया। इस अवसर पर वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पी.व्ही. नरसिम्हा राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक तपेश झा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।