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स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा एवं शिशु संरक्षण माह का किया शुभारंभ

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प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में 7194 ओ.आर.टी. और जिंक कॉर्नर की होगी स्थापना

रायपुर। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा एवं शिशु संरक्षण माह का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया। उन्होंने अंबिकापुर में अपने निवास कार्यालय में नन्हें बच्चों को विटामिन-ए एवं आयरन सिरप पिलाकर दोनों अभियानों की शुरूआत की। प्रदेश में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 8 जुलाई से 21 जुलाई तक और शिशु संरक्षण माह 14 जुलाई से 14 अगस्त तक संचालित किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने दोनों अभियानों का शुभारंभ करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े सभी 28 जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि हर वर्ष बारिश के मौसम में डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे शिशु एवं बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित होते हैं। डायरिया से होने वाली मौतों की दर शून्य रखने के लिए जन-जागरूकता अभियान के साथ ही इलाज की भी व्यवस्था दुरुस्त रखें। उन्होंने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में दवाई या उपचार के अभाव में डायरिया से जान जाने की घटना नहीं होनी चाहिए।

दोनों अभियानों में 5 वर्ष से कम आयु के 28-30 लाख बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस वर्ष बच्चों में डायरिया की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 7194 ओ.आर.टी. (ओरल रिहाईड्रेशन थेरेपी) और जिंक कॉर्नर की स्थापना की जाएगी। गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान पांच वर्ष के कम आयु के लगभग 30 लाख बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने अभियान के अंतर्गत समुदाय व गांव स्तर पर घरों में ओ.आर.एस. का वितरण और ओ.आर.एस. एवं जिंक को बनाने की विधि का प्रदर्शन करने कहा। मितानिनों के माध्यम से लोगों को हाथ धुलाई का महत्व बताते हुए सही तरीके से हाथ धुलाई का भी प्रदर्शन कराने कहा।

गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 8 जुलाई से 21 जुलाई तक, 14 जुलाई से शिशु संरक्षण माह

सिंहदेव ने बताया कि 14 जुलाई से शुरू होने वाले शिशु संरक्षण माह में प्रदेश भर में करीब 26 लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक और लगभग 28 लाख बच्चों को एनीमिया की रोकथाम के लिए आई.एफ.ए. सिरप पिलाया जाएगा। इस दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक तथा छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को आई.एफ.ए. सिरप दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं की ए.एन.सी. जांच के साथ उन्हें आई.एफ.ए. टैबलेट वितरित किए जाएंगे। अति गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उनके उपचार और पोषण का स्तर सुधारने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाएगा। गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा एवं शिशु संरक्षण माह के शुभारंभ कार्यक्रम में सरगुजा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एस. सिसोदिया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. भजगावली और जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. पुष्पेन्द्र राम भी मौजूद थे।