Home देश गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी ने 8.27 देह त्यागी

गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी ने 8.27 देह त्यागी

184

जबलपुर। गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी रविवार को ब्रम्हलीन हो गए। उन्होंने कटनी स्थित दद्दा आश्रम में रात 8.27 बजे देह त्यागी, वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उन्हें 8 मई को माइनर पैरालिसिस अटैक आने पर दिल्ली ले जाया गया था। शनिवार की शाम गंगाराम अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई। जिसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से जबलपुर होते हुए कटनी लाया गया था। दद्दाजी के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मध्यप्रदेश के महान संत, आध्यात्मिक गुरु,लाखों लोगों के जीवन को दिशा देने वाले, ऐसे महात्मा जिनका सम्पूर्ण जीवन पीड़ित मानवता की सेवा में समर्पित था, जिन्होंने अपनी आध्यात्मिक शक्ति व आशीर्वाद से लोगों की जिÞंदगी बदल दी, ऐसे पूजनीय दद्दाजी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
दद्दाजी के अस्वस्थ होने की जानकारी लगते ही रविवार को बड़ी संख्या में दद्दा शिष्य मंडल के सदस्य कटनी पहुंचे, इनमें फिल्म जगत की हस्तियों से लेकर राजनेता और अन्य लोग शामिल थे। फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, राजपाल यादव एवं पदम सिंह ठाकुर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, लखन घनघोरिया, संजय पाठक एवं अर्चना चिटनिस, मुख्यमंत्री की पत्नी साधनासिंह, विधायक रमेश मेदोला, गोपाल सिंह चौहान डग्गी राजा, आलोक चतुर्वेदी, नारायण त्रिपाठी, नीरज दीक्षित, प्रद्युम्न सिंह, मुन्ना राजा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर उनके दर्शन किए। दद्दा शिष्य मंडल के प्रवक्ता वीरेन्द्र गौर ने बताया सोमवार को कटनी स्थित दद्दा आश्रम में ही उनकी पार्थिव देह पंचतत्व में सर्मपित की जाएगी।
दमोह से द्ददाजी का गहरा लगाव रहा है। दमोह के पुरा पायरा में उनकी ससुराल थी और हटा रोड पर कुआंखेड़ा में उनके मामा का परिवार था। वर्तमान में प्रोफेसर कॉलोनी में उनके बड़े बेटे व्याख्यता डॉ. अनिल त्रिपाठी परिवार के साथ रहते हैं। रिटायर्ड पीटीआई और दद्दाजी के रिश्ते में मामा ने बताया कि दद्दा जी की पत्नी कुंती देवी का 29 मार्च को निधन हो गया था। लंबे समय से द्ददा जी दमोह नहीं आए। करीब दो साल से वे कटनी में अपने निवास पर थे, कटनी के कूड़ा गांव में भी दद्दा जी का आश्रम है, वहां पर भी उनका आना जाना था।