रायपुर। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजधानी से एक और बुरी खबर आ रही है। नगर निगम की लापरवाही की वजह से शहर में पीलिया ने अपनी दस्तक दे दी है, नगर निगम द्वारा सप्लाई किये जा रहे दूषित जल पीने से 25 से ज्यादा लोग पीलिया ग्रस्त हो गए हैं। स्मार्ट सिटी का तमगा बनाने को बेताब रायपुर के आमापारा स्वीपर कॉलोनी, मठपुरैना और चंगोराभाठा वार्ड में ये मामला सामने आया है. इन इलाकों में बड़ी संख्या में लोग पीलिया से ग्रस्त पाए गए हैं। पीलिया की खबर मिलते ही कोरोना से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया, स्वास्थ्य सचिव के आदेश के बाद इन इलाकों में आनन-फानन में हेल्थ कैम्प लगाकर लोगों की जांच शुरू कर दी गई है, सभी पीड़ितों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
पानी उबालकर पीयें
इतनी बड़ी तादाद में मरीज मिलने के बाद नगर निगम में भी हड़कंप मच गया है. निगम अधिकारियों ने पानी सप्लाई किये जाने वाले पम्पों की मरम्मत के साथ ही पुरानी पाइप लाइन को बदलने का निर्देश जारी कर दिया है, इसके साथ ही अधिकारियों ने आम जनता को नसीहत दी है कि वे पानी को उबालकर पीयें।
जांच रिपोर्ट में पीलिया बीमारी फैलाने वाले हेपेटाइटीस ए और ई की पुष्टि हुई
कोरोना वायरस और पीलिया बीमारी के संक्रमण के रोकथाम के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत चिन्हांकित इलाकों का सर्वे व सेम्पल लिया जा रहा है। सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि पीलिया की शिकायत मिलने पर नगर निगम के साथ मिलकर संबंधित इलाकों की जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं साफ पानी की सप्लाई को लेकर जरूरी इंतजाम भी किया जा रहा है, डॉ बघेल ने बताया गर्मी का मौसम शुरू होते ही इस तरह की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क होकर जरूरी कदम उठा रही है, अब तक मिले जांच रिपोर्ट में पीलिया बीमारी फैलाने वाले हेपेटाइटीस ए और ई की पुष्टि हुई है।
महापौर ने कहा : फिल्टर प्लांट लगी छन्नी फटने की वजह से गंदा पानी सप्लाई हो रहा था
वहीं महापौर एजाज ढेबर पानी के सैंपल को सही बता रहे हैं, उनका कहना है कि जो पानी का सैंपल जांच के लिए बाहर भेजा गया था उसकी रिपोर्ट आ गई है। सभी की रिपोर्ट ठीक है, हालांकि वो यह कह रहे हैं कि फिल्टर प्लांट लगी छन्नी फटने की वजह से गंदा पानी सप्लाई हो रहा था। उन्होंने कहा कि फिल्टर प्लांट में थी जो छन्नी लगी है, उसे आज तक बदला नहीं गया है, छन्नी फट गई है, इसलिए गंदा पानी का सप्लाई होता था। अमला अब इसे ठीक करने में लगा है, इसे बदलने में चार से पांच दिन लग सकता है। आपको बता दें हर साल राजधानी रायपुर में दूषित जल की वजह से लोगों की मौत होती है। राजधानी में दूषित जल सप्लाई पर उच्च न्यायालय भी नगर निगम को फटकार लगा चुका है, लेकिन बावजूद इसके अब तक नगर निगम स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है, जिसकी वजह से एक बार फिर दो दर्जन से ज्यादा लोग पीलिया की चपेट में आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल विश्व में हेपेटाइटिस ई के संक्रमण के 20 लाख मामले सामने आते हैं और उनमें से 57,000 मौत का शिकार हो जाते हैं।