ममल्लापुरम। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग दो दिन के अपने भारत दौरे पर हैं। भारत की कला, संस्कृति से परिचय करवाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें कुछ खास गिफ्ट्स दिए। इसमें नचियारकोइल दीप, तंजावुर पेंटिंग-डांसिंग सरस्वती शामिल हैं। इसके अलावा चिनफिंग को एक खास शॉल भी गिफ्ट की है।इस दीप को नचियारकोइल ब्रांच का अन्नम दीप (लैंप) कहा जाता है। इसे आठ मशहूर कलाकारों ने मिलकर तैयार किया है। छह फीट ऊंचे और 108 किलोग्राम वजन के इस दीप को पीतल से बनाया गया है, जिसपर सोने की परत चढ़ी है। इसे बनाने में कुल 12 दिन का समय लगा। सबसे पहले इसे पैथर समुदाय के लोगों ने बनाया था। ये लोग 1857 में पहले नागरकोइल से त्रावणकोर आए थे फिर वहां से नचियारकोइल आकर बस गए।
तंजावुर पेंटिंग-डांसिंग सरस्वती
तंजावुर पेटिंग लकड़ी पर की जाने वाली काफी पुरानी पेंटिंग है। इसे तमिलनाडु के शहर तंजावुर का नाम दिया गया है। इसकी शुरूआत 16वीं शताब्दी के आसपास मानी जाती है। इसमें ज्यादातार हिंदू देवी-देवताओं, संतों या फिर पुराणों की कथाओं का वर्णन किया जाता है। शी चिनफिंग को दी जा रही पेंटिंग को बी लोगनाथन ने तैयार किया है। यह पेंटिंग तीन फीट ऊंची, चार फीट चौड़ी और 40 किलोग्राम वजन की है। इस तैयार करने में 45 दिन का समय लगा है।
कांजीवरम सिल्क की शॉल पर चिनफिंग की छवि
दूसरे दिन की मुलाकात के बाद पीएम मोदी और चिनफिंग होटल की एक प्रदर्शनी में गए। वहां मोदी ने चिनफिंग को कांजीवरम सिल्क की शॉल गिफ्ट की। इसपर चिनफिंग की छवि दिख रही थी। चिनफिंग इसे देख काफी खुश थे। इस शॉल को हाथ से बनाने में कारीगरों को 5 दिन लगे हैं।