रायपुर। शिक्षक दिवस पर गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके के मुख्य आतिथ्य में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम भी समारोह में मौजूद रहे। शिक्षक दिवस के अवसर पर इस समारोह में प्रदेश के 48 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें से चार शिक्षकों को साहित्यकारों के नाम पर राज्य स्मृति पुरस्कार से 50 हजार रूपे की राशि के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया है। वहीं 44 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान से 21 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्यो के लिए प्रदेश की आठ उत्कृष्ट शालाओ को भी पुरस्कृत किया गया है। इसके साथ ही अगले साल 2020 में जिन 48 शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। उनके नामों की स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने घोषणा की है. नामों की यहां सूची जारी की गई है। इस अवसर पर राज्यपाल अनसुईया उइके ने कहा कि जिन शिक्षकों का सम्मान किया गया उनको बधाई देती हूं, जिन शिक्षकों से मैंने शिक्षा ली जिनकी वजह से मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं। उन तमाम शिक्षकों को प्रणाम और नमन करती हूं। किसी भी देश और समाज के शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक भावी पीढ़ी को तैयार करते हैं। प्राचीन ग्रंथों में भी शिक्षकों के महत्व को बताया गया है। राधाकृष्ण एक महान चिंतक होने के साथ एक श्रेष्ठ शिक्षक थे। शिक्षक दिवस के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया। उन्होंने कहा कि मैं उनके योगदान और भारत निर्माण में उनके सहयोग के लिए उन्हें नमन करता हूं। उनकी भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि जब राधाकृष्णन से पूछा गया कि वह किस रूप में जाना जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था शिक्षक के रूप में मुझे याद किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जिसे शिक्षक ही गढ़ता है।