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पूर्व रॉ अधिकारी सूद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रॉ के आपरेशन को तहस-नहस करने के लिए हामिद अंसारी के खिलाफ जांच की मांग की

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नई दिल्ली। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर गुप्तचर एजेंसी रॉ के पूर्व अधिकारी एनके सूद ने गंभीर आरोप लगाए हैं। अधिकारी के मुताबिक, अंसारी ने ईरान में राजदूत के तौर पर तैनाती के दौरान रॉ के सेटअप को उजागर करने के साथ एजेंटों की जान जोखिम में डाल दी थी, अधिकारी अब मामले में पीएम मोदी से जांच की मांग की हैं। रॉ के पूर्व अधिकारी एनके सूद ने ट्विटर में किए अपने पोस्ट में लिखा कि जब वे ईरान की राजधानी तेहरान में पदस्थ थे, तब हामिद अंसारी तेहरान में भारत के राजदूत हुआ करते थे। अपने 1990-92 के कार्यकाल के दौरान हामिद अंसारी ने ईरान में रॉ के सेटअप को उजागर करने में महती भूमिका निभाई और रॉ के एजेंटों का जीवन खतरे में डाल दिया था। सूद ने इस बात पर आश्चर्य जताया इन सबके बावजूद यह शख्स दो बार लगातार उप राष्ट्रपति नियुक्त किए गए। सूद यहीं तक नहीं रुके बल्कि उन्होंने पूर्व उप राष्ट्रपति पर आरोप लगाया कि उन्होंने आईबी (आंतरिक गुप्तचर एजेंसी) के रतन सहगल के साथ मिलकर मुंबई में 1992 (1993) बम ब्लास्ट से पहले गल्फ के देशों में रॉ की इकाइयों का खात्मा कर दिया। सहगर आईबी में अतिरिक्त सचिव हुआ करते थे, जिन्हें बाद में अमरीकी गुप्तचर संस्था सीआईए के लिए काम करते हुए पाया गया, इसके लिए उन्हें (सहगल) को हिरासत में लेने के साथ बर्खास्त किया जाना था, लेकिन उन्हें इस्तीफा देने के लिए बोलकर जाने दिया। अब सहगल अमरीका में रह रहा है। अंग्रेजी अखबार संडे गार्डियन में छपी खबर के मुताबिक, पूर्व रॉ अधिकारी सूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रॉ के आपरेशन को तहस-नहस करने के लिए हामिद अंसारी के खिलाफ जांच की मांग की हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अंसारी बतौर राजदूत न केवल भारत के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहे, बल्कि ईरानी सरकार और उसकी गुप्तचर संस्था के साथ मिलकर रॉ और उसके एजेटों को गंभीर क्षति पहुंचाई. बकौत सूद स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जब अंसारी का ईरान दूतावास ट्रांसफर हुआ दूतावास में जश्न का माहौल था।