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कांग्रेस ने संस्थानों की स्वायत्ता को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की

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नई दिल्ली । नई लोकसभा के लिए सोमवार को संसद सत्र शुरू होने से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई, इसमें कांग्रेस ने कई मुद्दे उठाए। इनमें बेरोजगारी, प्रेस की आजादी, कृषि और किसानों की समस्या, संघवाद को खतरा, राज्यों और केंद्र सरकार के बीच रिश्तों को लेकर सवाल उठाए गए। कांग्रेस ने संस्थानों की स्वायत्ता को नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की। सर्वदलीय बैठक के दौरान महिला सुरक्षा, विधेयक और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी सवाल किए गए। कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा कि देश में बेरोजगारी है, किसान संकट में है। प्रेस की आजादी पर हमला किया जा रहा है और पत्रकारों डराया धमकाया जा रहा हैं, संघवाद को भी खतरा बना हुआ हैं। राज्यों के गतिविधियों में केंद्र बार बार हस्तक्षेप कर रहा है. उन्होंने बताया कि कश्मीर के हालात और वहां विधानसभा चुनाव का मुद्दा भी पार्टी ने उठाया। नव निर्वाचित लोकसभा के पहले सत्र से एक दिन पहले 16 जून को सर्वदलीय बैठक हुई। सरकार इस सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए विपक्ष का सहयोग मांगा। इन विधेयकों में तीन तलाक विधेयक भी है, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले बुधवार को मंजूरी दी। बैठक लिए संसद पहुंच चुके हैं, उनके केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी मौजूद हैं। वहीं विपक्षी दलों ने अपने मुद्दे भी इस बैठक में सामने रखे, हालांकि सोमवार से संसद का सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन कांग्रेस ने सदन में अपना नेता तय नहीं किया हैं, इसे लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिला भारी जनादेश से विपक्ष का विश्वास हिल गया हैं। संसद का सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, लेकिन विपक्षी पार्टियां अब भी नरेंद्र मोदी को मिली बड़ी जीते के सदमे से उबर नहीं पाई हैं, यानी विपक्ष सदन में सत्ता पक्ष का सामना करने के लिए तैयार भी दिख रहा हैं। मोदी सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने के लिए विपक्षी पार्टियों के बीच अभी तक कोई समन्वय करने की कोशिश भी नजर नहीं आई, और न ही इन दलों की तरफ से आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई बयान आया है। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा, अभी तो समय हैं। वास्तव में लोकसभा में 20 जून से ही काम शुरू होगी। शुरू के तीन दिन तो नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और प्रशासनिक कामों को पूरा करने में लग जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि लोकसभा में मोदी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के वास्ते विपक्ष के नेता एक मंच पर आएंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष की मौजूदा स्थिति को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और अभी तक इसका फैसला नहीं हो पाया है कि लोकसभा में कांग्रेस का नेता कौन होगा? पीएल पुनिया कहते हैं कि सदन का नेता चुनने के लिए अभी समय हैं। यह काम हमारी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी पूरा करेंगी।