मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ 10 जून को विधायक पद की शपथ लेगें। मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति कमलनाथ को सुबह 10 बजे शपथ दिलाएंगे। 17 दिसम्बर को कमलनाथ ने मुखमंत्री पद की शपथ ली थी। उस वक्त कमलनाथ विधानसभा के सदस्य नहीं थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव के साथ ही छिंदवाड़ा में विधानसभा के लिए भी चुनाव हुए थे, जिसमें कमलनाथ ने जीत हासिल की थी। नियमों के अनुसार उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 6 महीनों के अंदर मध्य प्रदेश विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। कमलनाथ ने स्कूली शिक्षा देहरादून स्कूल से कीण् इसके बाद सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। वह 1979 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए। इसके बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में वे लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। मध्य प्रदेश का सीएम बनने से पहले कमलनाथ 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने भारत की शताब्दी एवं व्यापार, निवेश, उद्योग नामक पुस्तक भी लिखी है। 1968 में वे युवक कांग्रेस में शामिल हुए। 1976 में उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का उन्हें प्रभार मिला। 1970 -81 तक वे अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। 1979 में युवा कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक, 2,000-2018 तक वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और वर्तमान मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। 2006 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।