लंदन। पीएनबी घोटाले में भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटिश अदालत ने उसकी रिमांड 27 जून तक बढ़ा दी है। साथ ही कोर्ट ने भारत सरकार से 14 दिन में यह बताने को कहा है कि अगर नीरव को भारत प्रत्यर्पित किया गया, तो उसे किस जेल में रखा जाएगा। नीरव मोदी को गुरुवार को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट की जज एम्मा आॅर्बथनॉट के समक्ष पेश किया गया। नीली शर्ट और काली पेंट पहने नीरव अदालत की कार्यवाही से कुछ नोट भी कर रहा था। भारत सरकार को जवाब देने के लिए 14 दिन का समय देते हुए जज आॅर्बथनॉट ने कहा कि जाहिर तौर पर आॅर्थर रोड जेल ही विकल्प होगा। जज आॅर्बथनॉट ने ही दिसंबर-2018 में शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रर्त्यपण का आदेश दिया था। उस समय भी जज आॅर्बथनॉट ने पूछा था कि माल्या को किस सेल में रखा जाएगा और उन्होंने उस सेल का वीडियो भी मंगवाया था। उन्होंने संकेत दिए कि अगर नीरव मोदी को भी उसी जेल में रखा गया, तो अदालत को संभवत: कोई आपत्ति नहीं होगी। नीरव की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा कि भले ही उन्हें उसी सेल में रखा जाए, फिर भी अदालत की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए जेल का निरीक्षण कराया जाना चाहिए कि वहां मानवाधिकारों के दिशा-निदेर्शों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं।