रायपुर। मुख्यमंत्री बनने के बाद राजधानी के बाहर बस्तर में पहली बैठक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरूवार को लेंगे। वे बस्तर संभाग के विकास, प्रशासन और कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा है कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार नई नीति बनाएगी, इसलिए नई नीति के लिए प्रभावितों से चर्चा करेंगे और उनसे सुझाव भी मांगेंगे। मुख्यमंत्री ने राजधानी के बाहर पहली बैठक के लिए बस्तर को इसलिए चुना है, क्योंकि बस्तर में कई तरह की गंभीर समस्याएं हैं, जिन पर सरकार को फैसले लेने हैं। बस्तर की सबसे बड़ी और ज्वलंत समस्या नक्सलवाद है। मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस सरकार नक्सलवाद के खिलाफ दो तरह से लड़ाई लड़ेगी। पहली तो बस्तर में विकास कर वहां के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ जाएगा। दूसरी नक्सलियों की गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा। जब तक सरकार नई नीति नहीं बना लेती है, तब तक इसी नीति पर काम होगा। बस्तर के बचे हुए इलाकों में विकास पर जोर देने के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक रखी गई है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री हुआ करते थे, लेकिन अब कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण का अध्यक्ष स्थानीय विधायक लखेश्वर बघेल को बनाया है। बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में संभाग में किए जाने वाले कामों का रोडमैप बनेगा। उन कामों को समयसीमा में पूरा करने में कोई दिक्कत न आए, इसलिए मुख्यमंत्री ने दूसरी बैठक संभाग के कलेक्टरों व एसपी की रखी है। इसमें विकास कार्यों के अलावा आदिवासी और जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले और समयसीमा पर उनका काम हो, इसके लिए व्यवस्था बनाने पर बात होगी। बस्तर से यह शिकायत उठती रही है कि आदिवासियों को नक्सली बताकर उन पर गलत कार्रवाई की जाती है। इस पर रेंज के आइजी और एसपी से बात होगी। वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नक्सल आॅपरेशन पर भी चर्चा करेंगे। बैठकों का दौर सुबह 11:30 बजे से शुरू होगा। कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस दोपहर 12:30 बजे शुरू होगी। नई नक्सल नीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री कदम आगे बढ़ाएंगे। शाम छह बजे से 7:30 बजे तक जगदलपुर के सर्किट हाउस में नक्सल प्रभावितों से मुलाकात करेंगे। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि, व्यापारी, उद्योगपति, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और नक्सल प्रभावित परिवार शामिल होंगे। मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भी जगदलपुर में ही करेंगे। जगदलपुर एयरपोर्ट का नामकरण महेंद्र कर्मा हो सकता है। कर्मा कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं। उन्हें बस्तर टाइगर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुड़ुम अभियान चलाया था, तभी वे नक्सलियों के टारगेट में आ गए थे। 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया था और तभी कर्मा की हत्या कर दी थी।