Home देश पहली सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में उड़ी हमले के बाद ही हुई थी...

पहली सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में उड़ी हमले के बाद ही हुई थी – लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिह

86

जम्मू। भारतीय सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिह ने कहा कि सेना ने आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में उड़ी हमले के बाद ही की थी। लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिह ने यह बात जम्मू संभाग के ऊधमपुर में उत्तरी कमान द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों से चुने गए मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को एक समारोह में छात्रवृति प्रदान करने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कही। कांग्रेस की ओर से 2016 से पहले भी भारतीय सेना की इस तरह की कार्रवाईयों का दावा किए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर ध्यान नहीं देना चाहता कि राजनीतिक दल क्या कहते हैं।उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब सरकार की ओर से दिया जाए तो बेहतर है। मैंने आपको जो बताया वही सही है। कुछ दिनों पहले डीजीएमओ ने भी एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि पहली सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में ही हुई है। इसी साल बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सिंह ने कहा बालाकोट में आतंकियों के बुनियादी ढांचे पर भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया हवाई हमला एक बड़ी उपलब्धि थी। हमारे विमान दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक गए और उन्होंने आतंकियों के लांचिंग पैड और ट्रेनिग कैंपों पर हमला किया था। पाकिस्तानियों ने अगले दिन हमारे इलाके में हमले का प्रयास किया, लेकिन हमने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। इस साल अब तक घाटी में 86 आतंकी हो चुके हैं ढेर,राज्य के मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। इस साल अब तक कश्मीर में विभिन्न आतंकरोधी अभियानों में 86 आतंकी मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 20 के करीब आतंकियों को पकड़ा गया है।लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिह ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियों और जिहादी तत्व सोशल मीडिया और अन्य तरीकों से स्थानीय युवकों में जिहादी मानसिकता पैदा कर रहे हैं। ऐसा कर उनको गुमराह किया जा रहा है। रणबीर सिह ने स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती को चिता का विषय करार देते हुए कहा कि यह एक बड़ी समस्या है। बीते साल 217 स्थानीय युवक विभिन्न आतंकी संगठनों में थे। इस साल अब तक पूरी वादी में सिर्फ 40 स्थानीय युवक आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं। उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि इस समय पाकिस्तान पूरी तरह हताश हो चुका है। एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हमारा घुसपैठ रोधी तंत्र पूरी तरह मजबूत और प्रभावशाली है। इस कारण पाकिस्तान इस तरफ आतंकियों को धकेलने में सफल नहीं हो पा रहा है। चीन के साथ लद्दाख प्रांत में सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति पर उन्होंने कहा कि हम वहां शांति बनाए रखने से लेकर इस बात को सुनिश्चित बना रहे हैं कि हमारे इलाके में घुसपैठ न हो। अगर चीन की सेना की तरफ से घुसपैठ होती है या दोनों तरफ के सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति पैदा होती है तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की एक व्यवस्था भी बनाई गई है।