मध्यप्रदेश विधानसभा में विश्वास मत साबित करने की भारतीय जनता पार्टी की चुनौती पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश बीजेपी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि यहां बहुत सारे मुद्दे हैं। कांग्रेस विधायक अपनी पार्टी से खुश नहीं हैं, वे पार्टी छोड़ेने के लिए तैयार हैं। इससे सरकार के पास बहुमत नहीं बचेगा। कमलनाथ ने कहा, बीजेपी पहले दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। हम पिछले पांच महीने में चार बार बहुमत हासिल किया। वे अगर ऐसा फिर चाहते हैं, तो हमें कोई परेशानी नहीं है। उनका खुलासा न हो इसलिए वे वर्तमान सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। बता दें, मध्यप्रदेश में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई है। चुनाव के बाद कांग्रेस ने सपा और बसपा के समर्थन से सरकार बना ली थी। वर्तमान में 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 114, बसपा को दो और सपा को एक सीटें मिली थीं। जबकि बीजेपी के खाते में 109 सीटें हैं। कमलनाथ ने सपा-बसपा को साथ लेकर सरकार बना ली थी। लेकिन कमलनाथ ने सपा-बसपा के साथ किसी भी निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था, जबकि इस बात के लिए कमलनाथ सरकार पर बार-बार समर्थन वापस लेने का दबाव भी बनाया जा रहा था। वहीं देर शाम सरकार के फ्लोर टेस्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सफाई दी। बातचीत में गोपाल भार्गव ने कहा है कि उन्होंने विशेष सत्र बुलाने की मांग जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा के लिए की है। गोपाल भार्गव की मानें तो वो हॉर्स ट्रेडिंग के पक्ष में कभी नहीं रहे और न मोल तोल से सरकार बनाने के पक्ष में हैं।