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एमपी में कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर शुरू, सीएम कमलनाथ उठा सकते हैं बड़ा कदम

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मध्य प्रदेश की राजनीति में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की एक चिट्ठी से हड़कंप मचा हुआ है। लोकसभा चुनाव 2019 के एग्जिट पोल के नतीजों के बाद बीजेपी ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के अल्पमत में होने के आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सत्र बुलाने की मांग की है। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चुका है। हालांकि अब निगाहें कमलनाथ की तरफ हैं। तीन दिन की दिल्ली यात्रा के बाद भोपाल लौटे कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष की चिट्ठी के बाद क्या कदम उठाएंगे ये देखना दिलचस्प होगा लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ बड़ा कदम उठा सकते हैं, क्योंकि सिर्फ दो सीटें बहुमत से दूर होने के बाद भी बीजेपी लगातार सरकार गिराने की बात कर रही है। दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने सपा और बसपा के समर्थन से सरकार बना ली थी। कांग्रेस को कुल 114, बसपा को दो और सपा को एक सीटें मिली थीं। समर्थन की सरकार बनने के बाद भी कमलनाथ ने सपा-बसपा और किसी भी निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था, जबकि इस बात के लिए कमलनाथ सरकार पर बार-बार समर्थन वापस लेने का दबाव भी बनाया जा रहा था। लेकिन अब कमलनाथ सपा और बसपा के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि एक दो निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिपद मिल सकता है। एक तथ्य यह भी है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही कमलनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार की बातें चल रहीं थी। और अब यह तय माना जा रहा है कि कमलनाथ जल्द ही कांग्रेस विधायकों के साथ ही सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों की मीटिंग कर मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा कर सकते हैं।