लोकसभा चुनाव का परिणाम आम आदमी पार्टी विधायकों के सियासी भविष्य का भी फैसला करेगा। पार्टी अपने विधायकों की किस्मत का फैसला विधानसभा क्षेत्र में मिले वोटों के आधार पर करेगी। पार्टी सूत्र बताते हैं कि जिस विधायक के इलाके में पार्टी हारेगी, फरवरी 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उसका टिकट कट सकता है। इस मामले में पार्टी अपने मंत्रियों को भी बख्शने के मूड में नहीं है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी ने इसका संकेत भी अपने विधायकों को दे दिए थे। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही आप दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी। इसकी वजह यह है कि दिल्ली चुनाव से ही पार्टी का भविष्य निश्चित होगा। दिल्ली से सरकार जाने की हालत में पार्टी को खुद को संभालना मुश्किल हो सकता है। लिहाजा पार्टी बेहद संजीदगी से विधानसभा की मुहिम आगे बढ़ाएगी।इसकी शुरूआत आप विधायकों के प्रदर्शन से होगी। इस दौरान देखा जाएगा कि किस-किस विधायक की विधानसभा में पार्टी ने जीत हासिल की और कहां जीतने भर के वोट नहीं मिले। जीत दिलाने वाले विधायक का टिकट पक्का होगा, जबकि हारने वाले विधायकों को चुनावी मैदान से हटा दिया जाएगा।पार्टी सूत्र बताते हैं कि जिन विधानसभाओं को आप को कांग्रेस व भाजपा से कम वोट मिले हैं, विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कटना तकरीबन पक्का है। वहीं, संबंधित विधानसभा में हार-जीत का आंकड़ा बहुत करीब होने पर ही विधायक को दोबारा टिकट देने पर विचार होगा। इसके उलट जिस विधानसभा में ज्यादा अंतर से पार्टी हारेगी, उसके विधायक का टिकट कट सकता है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में आप अपने कैबिनेट रैंक के मंत्रियों को ढील देने के मूड में नहीं है। पार्टी एक ही पैमाने पर सभी विधायकों के प्रदर्शन का आकलन करेगी।पार्टी नेतृत्व ने इसका संकेत लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ही अपने विधायकों को दे दिया था। पार्टी का निर्देश था कि हर विधायक अपने-अपने इलाकों में जीत तय करें। संबंधित विधानसभा में विधायक को ही प्रचार अभियान की कमान सौंपी गई है। पार्टी का मानना है कि बावजूद इसके अगर कोई विधायक अपनी सीट पर जीतने लायक आंकड़ा नहीं पार कर सका तो आठ महीने बाद फरवरी 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उसकी दावेदारी कमजोर होगी।