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अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ा तनाव, जल सीमा में तेल टैंकरों पर हुए हमले, तेल मूल्य बढ़ने की आशंका

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फुजैरा। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है और इसका असर अब दुनिया पर भी नजर आने लगा है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जल सीमा में चार तेल टैंकरों पर हुए हमले के बाद खाड़ी देशों में तनाव बढ़ गया है और तेल मूल्य बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि उसके दो तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया है। सऊदी के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फालिह ने कहा कि दो टैंकरों को काफी नुकसान हुआ है लेकिन किसी व्यक्ति को चोट नहीं पहुंची और न ही समुद्र में तेल फैला। यूएई ने रविवार को कहा था कि कई देशों के चार वाणिज्यिक जहाजों को फुजैरा शहर के पास निशाना बनाया गया। यूरोप ने अमेरिका से ईरान के परमाणु समझौते पर और तनाव नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है। अपनी प्रस्तावित मास्को यात्रा रद का ब्रुसेल्स पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अपने समकक्षों से बातचीत की। ये तीनों देश ईरान के परमाणु आकांक्षाओं पर अंकुश लगाने के लिए 2015 में हुए समझौते में यूरोपीय भागीदार थे। ब्रिटेन ने अमेरिका और ईरान के बीच टकराव बढ़ने की चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे खाड़ी क्षेत्र में हालात बिगड़ सकते हैं। ईरान ने समुद्र में पोतों पर हमले को चिंताजनक बताते हुए जांच की मांग की है। इसके साथ ही तेहरान ने आगाह किया कि समुद्री सुरक्षा को भंग करने के लिए विदेशी प्लेयर्स कोई दुस्साहस कर सकते हैं। अमेरिका ने पहले ही क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है। यही नहीं, ईरान की ओर से पैदा हुए कथित खतरे का मुकाबला करने के लिए फारस की खाड़ी में अमेरिका बी-52 बमवर्षक विमानों की तैनाती कर रहा है। अमेरिका ने सोमवार को नाविकों के लिए नई चेतावनी जारी की। गौरतलब है कि फुजैरा पोर्ट यूएई का अकेला ऐसा टर्मिनल है जो अरब सागर के तट पर स्थित है और इस रास्ते से ज्यादातर तेल का निर्यात होता है। फालिह ने बताया कि एक टैंकर सऊदी आयल टर्मिनल से क्रूड आयल लोड करने जा रहे थे, जिसे अमेरिका पहुंचाया जाना था। सऊदी अरब, इराक, यूएई, कुवैत, कतर और ईरान के भी ज्यादातर तेल का निर्यात हॉर्मूज जलडमरूमध्य से होता है और यह आंकड़ा कम से कम 1.5 करोड़ बैरल्स प्रतिदिन है। अमेरिका ने आगाह किया था कि ईरान क्षेत्र में समुद्री यातायात को निशाना बना सकता है। छह देशों वाली खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जयानी ने कहा कि ऐसी गैरजिम्मेदाराना हरकतों से क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा और इसका नतीजा संघर्ष के रूप में निकल सकता है।