Home खेल शाहिद अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में गौतम गंभीर के बारे में लिखी...

शाहिद अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में गौतम गंभीर के बारे में लिखी नकारात्मक बाते, गंभीर ने अपने अधिकारिक ट्विटर पर यूं किया पलटवार

126

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने हाल में अपनी आत्मकथा में गौतम गंभीर के बारे में नकारात्मक बातें लिखी हैं। इनका जवाब देते हुए गौतम गंभीर ने खुद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान को मनोचिकित्सक के पास ले जाने की पेशकश की। हाल ही में अफरीदी ने अपनी आत्मकथा गेम चेंजर में व्यांग्यत्मक रूप में गंभीर के बारे में लिखा कि वह इस तरह का व्यवहार करते हैं जैसे वह डॉन ब्रैडमैन और जेम्स बॉन्ड दोनों की काबिलियत रखने वाले हैं और उनका रवैया भी अच्छा नहीं है और न ही उनके कोई महान रिकॉर्ड हैं। इस पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने शाहिद अफरीदी को टैग करते हुए अपने अधिकारिक ट्विटर पर इसका जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया, तुम मजाकिया व्यक्ति हो! कोई नहीं, हम अब भी पाकिस्तानी लोगों को चिकित्सा के लिये वीजा दे रहे हैं। मैं खुद तुम्हें मनोचिकित्सक के पास लेकर जाऊंगा। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मैदान के अंदर और बाहर ही अच्छा तालमेल नहीं रहा है और अफरीदी की इस तरह की टिप्पणी में यह साफ झलकता है। वर्ष 2007 में कानपुर में द्विपक्षीय वनडे सीरीज में दोनों के बीच बहस हो गई थी हालांकि अफरीदी की किताब में एशिया कप मैच बताया गया है, जो गलत है। शाहिद अफरीदी ने हाल में स्वीकार किया कि उन्होंने उम्र संबंधित धोखाधड़ी की थी और जब उन्होंने अपने पर्दापण मैच में शतक जड़ा था तो वह 16 के नहीं, बल्कि 21 साल के थे। जबकि वर्षों से माना जा रहा था कि वह तब 16 साल के थे। बता दें कि गौतम से अपनी प्रतिद्वंदिवता का जिक्र करते हुए शाहिद अफरीदी उन पर हर तरह हमला करते दिखाई दिए। भारतीय ओपनर के बारे में उन्होंने लिखा, कुछ प्रतिद्वंदिवताएं निजी होती है और कुछ पेशेवर। गंभीर के साथ सबसे पहली समस्या है। उनका एटीट्यूट क्रिकेट में उनके कोई खास रिकॉर्ड नहीं है, उनके पास सिर्फ एटीट्यूड है। शाहिद अफरीदी लिखते हैं, उनका एटीट्यूड मुकाबले के लिए नहीं है। वास्तव में उनमें नकारात्मकता कूट-कूट कर भरी है। कराची में हम उन्हें बर्न्ट अप कहा करते थे। मुझे खुशमिजाज और पॉजिटिव लोग अच्छे लगते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप आक्रामक हैं, लेकिन आपको पॉजिटिव तो होना ही चाहिए और गौतम ऐसे नहीं हैं। अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में लिखा- हमारे बीच शुरूआत 2007 में हुई। कानपुर में भारत-पाक वनडे सीरीज के दौरान। गौरतलब है कि दोनों के बीच हुई कहासुनी पर दोनों खिलाड़ियों पर जुमार्ना भी लगा था। उस घटना को याद करते हुए अफरीदी का कहना है, मुझे वह घटना याद है। गंभीर ने एक रन पूरा किया और इसके बाद वह मेरी तरफ भाग रहे थे। इस पर हमारी काफी बहस हुई। गौरतलब है कि भारत के पूर्व मानसिक कोच पैडी उपटोन ने भी गौतम गंभीर मानसिक रूप से असुरक्षित खिलाड़ी कहा था। हालांकि, उपटन ने अपनी किताब में यह भी कहा था कि उनकी असुरक्षा भी उन्हें भारत के सबसे सफल ओपनर बनने से नहीं रोक पाई। क्रिकेट से राजनीति में आए गौतम गंभार अब भाजपा के टिकट पर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।