हैदराबाद/नई दिल्ली.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की मांग है कि संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। रमेश ने कहा कि शनिवार को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह मांग की गई। संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा।
जयराम ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’पर लिखा, “कांग्रेस पार्टी पिछले नौ वर्षों से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक पहले ही राज्यसभा में पारित है जिसे अब लोकसभा द्वारा भी पारित किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पहली बार मई 1989 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। यह लोकसभा में पारित हो गया लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में प्रस्ताव गिर गया।”
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अप्रैल 1993 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक फिर से पेश किया और विधेयक पारित हुआ तथा कानून बना। उन्होंने कहा कि अब पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह करीब 40 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाए। विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ। उन्होंने कहा, लेकिन इसे लोकसभा में पेश नहीं किया गया।