कोझिकोड (केरल).
केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के प्रकोप के मद्देनजर राज्य सरकार ने अपनी ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्रणाली के तहत ओपीडी सेवा शुरू की है। कोझिकोड की जिलाधिकारी ए. गीता प्रकाश ने निपाह के संबंध में विशेष बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवा की शुरुआत की जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर लिखा, नई सेवा निपाह वायरस से संबंधित संशयों को दूर करने में मदद करेगी। जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, वे डॉक्टर के पास जाए बिना चिकित्सा सहायता ले सकते हैं।
गीता ने कहा कि ई-संजीवनी निपाह ओपीडी सेवा सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म एक ऐसी प्रणाली है जहां आप बिना अस्पताल जाए घर बैठे ही इलाज करा सकते हैं। जिलाधिकारी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि निपाह वायरस के खतरों को लेकर सावधानी बरतनी होगी, लेकिन चमगादड़ों से डरने या उन पर हमला करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने जिले में चमगादड़ों पर हमलों की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि लोगों को लगता है कि चमगादड़ ही निपाह वायरस के फैलने का कारण हैं।
गीता ने अपने पोस्ट में लोगों को चमगादड़ों को पत्थर मारकर या फटाखे फोड़कर उन्हें नुकसान न पहुंचाने की सलाह दी है। उन्होंने लोगों से स्थिति की गंभीरता को समझने और जिम्मेदारी से काम करने का अनुरोध करते हुए कहा कि लोगों को चमगादड़ों से डरे बिना उनके साथ सावधानी से रहने की आदत डालनी होगी। शनिवार को राज्य में निपाह वायरस का कोई ताजा मामला सामने नहीं आया। वायरस से संक्रमित हुए लोगों के संपर्क में आए पांच और लोगों में संक्रमण के कुछ लक्षण दिखे, जिन्हें अस्पताल में अलग कर दिया गया है। हालांकि, परीक्षण के लिये भेजे गये 51 नमूनों के परिणाम आने की प्रतीक्षा की जा रही है।
फिलहाल राज्य में निपाह संक्रमण के छह मामलों की पुष्टि हो चुकी है। छह में से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। राज्य में निपाह वायरस से कुल संक्रमितों की संख्या चार है। सरकार ने बताया कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले संदिग्ध लोगों की संख्या बढ़कर 1,192 हो गयी है। इसके अतिरिक्त, अभी तक निषिद्ध क्षेत्रों में 22,208 घरों में जांच की गई है। यह चौथी बार है जब राज्य में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वर्ष 2018 और 2021 में कोझिकोड में तथा 2019 में एर्नाकुलम में इसका पता चला था।