भोपाल
बंगाल की खाड़ी से उठे मानसूनी सिस्टम की वजह से मध्यप्रदेश तरबतर हो गया है। कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। इससे नदियां उफान पर हैं। डैम छलक रहे हैं। शुक्रवार सुबह से ही भोपाल, नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा, रायसेन में तेज बारिश शुरू हो गई। भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन और सागर संभाग में ऑरेंज अलर्ट है। कुल 36 जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
गुरुवार को भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर समेत 28 से ज्यादा जिलों में पानी गिरा। 24 घंटे के अंदर बालाघाट जिले के मलांजखंड में 6.5, सिवनी में 5.7 और नरसिंहपुर में 4 इंच बारिश दर्ज की गई। बालाघाट में भारी बारिश के चलते प्रशासन ने बोर्ड पैटर्न पर हो रही तिमाही परीक्षा का 15 सितंबर को होने वाला पेपर रद्द कर दिया है।
13 सितंबर से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने 15 और 16 सितंबर को तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को खंडवा, खरगोन, मलाजखंड, जबलपुर, नौगांव, नरसिंहपुर, भोपाल, इंदौर, खजुराहो, सागर, रायसेन, ग्वालियर, गुना, उज्जैन, मंडला, धार, नर्मदापुरम, पचमढ़ी और बैतूल में भी बारिश हुई। देर रात तक बारिश का दौर चलता रहा।
रायसेन में एक घंटे तेज बारिश, सड़कों पर पानी भरा
शुक्रवार की सुबह से ही रायसेन जिले में तेज बारिश हो रही है। सुबह 6 से 7 बजे तक 1 घंटे तेज बारिश होने से शहर की मुख्य सड़कें जलमग्न हो गईं। इसके साथ ही निचले घरों में पानी भरा गया। सड़कों पर पानी जमा हो जाने से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जबलपुर में दोपहर 12 बजे खुलें बरगी डैम के 7 गेट
जबलपुर में शुक्रवार दोपहर 12 बजे बरगी डैम के 7 गेटों को खोले । बरगी डैम गेट खोल दिए जाने के बाद नर्मदा तट के घाटों में 5 से 10 फीट तक पानी पहुंच जाएगा। गौरतलब है जबलपुर में औसतन बारिश से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जिले में पिछले 24 घंटे में करीब सवा इंच बारिश दर्ज की गई है।
तवा डैम का जलस्तर 1165.70 फिट पहुंचा
नर्मदापुरम के तवा डैम का जलस्तर शुक्रवार की सुबह 10 बजे 1165.70 फीट रिकार्ड किया गया। तवा डैम में लगातार पानी बढ़ रहा है। इस कारण पांच गेटों को सुबह 10.30 बजे पांच फिट की ऊंचाई तक खोले दिए गए। इस दौरान 44065 क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जाएगा। बारिश की वजह से नर्मदापुरम में इस सीजन तवा बांध के गेट तीसरी बार खोलना पड़ रहे हैं। 13 सितंबर को भी गेट खोले गए थे। इससे पहले 19 अगस्त को बांध के गेट खोले गए थे।