नई दिल्ली
पीएम मोदी ने सेट कर दिया 24 का एजेंडा
'इंडिया' गठबंधन को घमंडिया करार देते हुए सनातन मुद्दे पर विपक्ष को घेरकर पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया है। बीजेपी आने वाले दिनों में इस पर और करारे वार करने वाली है। पिछले दिनों राजस्थान चुनाव के लिए राज्य में गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इंडिया गठबंधन को सनातन मुद्दे पर घेरा था। शाह ने डूंगरपुर की रैली में कहा था कि दो दिन से आप देश की संस्कृति और सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''वे कहते हैं कि यदि मोदी जीतेंगे तो सनातन राज आएगा। सनातन लोगों के दिल पर राज कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत संविधान से चलेगा।'' बीजेपी नेता चुनावी रैलियों और कार्यक्रमों में सनातन मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। इसके जरिए बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे बढ़ते हुए दिख रही है। जहां एक ओर पीएम मोदी समेत पूरी बीजेपी सनातन पर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को घेर रही है तो अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का मुद्दा भी उसे लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है। 90 के दशक से ही बीजेपी राम मंदिर और हिंदुत्व मुद्दे को आगे लेकर चली, जिसका सबसे बड़ा फायदा साल 2014 में मिला और सरकार बनाई। अब राम मंदिर के साथ-साथ बीजेपी के पास सनातन धर्म का मुद्दा आ गया है, तो उसे वह हर हाल में भुनाना चाहेगी।
उदयनिधि के सेल्फ गोल से 'इंडिया' को कितना नुकसान?
तमिलनाडु के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया, कोरोना आदि से कर दी थी और कहा था कि जैसे इसका विरोध नहीं करते और खत्म किया जाता है, उसी तरह सनातन को भी खत्म करना है। उदय के इस बयान से तमिलनाडु में भले ही डीएमके को ज्यादा नुकसान न हो, लेकिन इंडिया में उसके सहयोगी और खासकर कांग्रेस व हिंदी पट्टी वाले दलों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। यूपी-बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड आदि तमाम राज्यों में कांग्रेस और वहां के विपक्षी स्थानीय दलों को उदय की यह टिप्पणी बैकफुट पर डाल सकती है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस समेत कई दलों ने सनातन वाले बयान से किनारा भी कर लिया, लेकिन चूंकि डीएमके इंडिया गठबंधन में है और तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके की सरकार चल रही है तो बीजेपी इस मुद्दे के जरिए इंडिया अलायंस पर हमला बोलती रहेगी। इससे यूपी में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, उत्तराखंड में कांग्रेस, बिहार में आरजेडी, जेडीयू, मध्य प्रदेश में कांग्रेस, दिल्ली में आम आदमी पार्टी आदि को लोकसभा चुनाव में सीटों के लिहाज से बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
डीएमके नेताओं को सावधान करने के पीछे स्टालिन का क्या डर?
सनातन मुद्दे पर पूरे गठबंधन की किरकिरी करवाने की वजह से तमाम विपक्षी दलों का दबाव झेल रहे तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने अब सक्रियता दिखाई है। आने वाले समय में और नुकसान नहीं हो, इसके लिए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सनातन विवाद से दूर रहने के लिए कहा है। एमके स्टालिन ने कहा, ''आम आदमी के मुद्दों पर पीएम मोदी चुप रहते हैं। पूरी कैबिनेट झूठ फैलाकर सनातन विवाद को तूल दे रही है। मैं डीएमके के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहना चाहूंगा कि वे इन हथकंडों से बचकर रहें।'' स्टालिन के इस बयान से साफ है कि उन्हें भी अपने बेटे और राज्य सरकार के मंत्री उदय के बयान से हुए सेल्फ गोल का पता चल गया है। इसी वजह से उन्होंने आगे किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करने की सलाह दे दी, ताकि और किसी भी संभावित नुकसान से बचा जा सके।