नईदिल्ली
दिल्ली में 500 किलोवाट से अधिक बिजली खपत करने वाली इमारतों का ऊर्जा ऑडिट कराना होगा। इसमें सरकारी भवनों के अलावा मॉल, प्लाजा, बहुमंजिला इमारतें और उद्योग से जुड़ी इमारतें भी शामिल हैं। बिजली की बचत करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया है। ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि ऊर्जा ऑडिट कराने का उद्देश्य बिजली का अधिक इस्तेमाल करने वाले स्थानों का पता लगाकर तकनीक की मदद से वहां बिजली की खपत को कम करना है। जल्द ही इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना जारी होने के छह माह के भीतर ही इमारतों का ऊर्जा ऑडिट कराना होगा। उसके बाद हर तीन साल में एक बार ऊर्जा ऑडिट अनिवार्य होगा।
प्रमाणित ऑडिटर से ही ऑडिट कराना होगा
ऑडिट बोर्ड ऑफ एनर्जी एफिशिएन्सी (बीईई) द्वारा प्रमाणित ऑडिटर द्वारा ही करवाना होगा। ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली की हर यूनिट बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में उन सभी भवनों या स्थानों का ऊर्जा ऑडिट कराया जाएगा, जहां बिजली की खपत 500 किलोवाट से ज्यादा है। ऑडिट के बाद जो सिफारिशें की जाएंगी, उन्हें लागू कराया जाएगा।
दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा, 'दिल्ली सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने के छह माह के भीतर ही इमारतों का ऊर्जा ऑडिट कराना होगा। उसके बाद हर तीन साल में एक बार एनर्जी ऑडिट कराना अनिवार्य होगा।'
स्ट्रीट लाइटों को लेकर भी आदेश
सरकार ने निर्णय लिया है कि राजधानी दिल्ली में स्ट्रीट लाइटों का भी ऊर्जा ऑडिट कराया जाएगा। वर्तमान में दिल्ली में स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव मुख्य रूप से एमसीडी, एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है।
किन पर लागू होगा नियम
दिल्ली में स्थित सभी सरकारी भवनों, वाणिज्यिक मॉल, प्लाजा, अस्पताल, बहुमंजिला इमारतों, गैर-घरेलू इमारतों, उद्योग, बोर्ड या निगम के स्वामित्व वाली इमारतों को ऊर्जा ऑडिट कराना होगा।
ये लाभ मिलेंगे
● एनर्जी ऑडिट से न केवल दिल्लीभर में भवनों में ऊर्जा की खपत को कम करने के तरीकों का पता चलेगा, बल्कि इससे वित्तीय बोझ भी कम होगा
● पर्यावरण के लिहाज से यह पहल कार्बनडाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में काफी मददगार साबित होगी
● बिजली की बर्बादी रोकने में भी मदद मिलेगी, जिसका सीधा लाभ दिल्ली की जनता को मिलेगा