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INDIA में सीट शेयरिंग पर चलेगा अब्दुल्ला फॉर्मूला? भोपाल में रैली की तैयारी, पर टकराव भी कम नहीं

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नई दिल्ली
विपक्षी गठबंधन INDIA में सीट शेयरिंग को लेकर अब तक कोई समझौता नहीं हो सका है। बुधवार को एनसीपी मुखिया शरद पवार के घर हुई मीटिंग में इस पर कोई देशव्यापी फैसला नहीं हो सका, लेकिन यह सहमति जरूर बन गई है कि राज्यों में गठबंधन की पार्टियां आपस में समझौता करेंगी। मीटिंग में तय हुआ कि देश स्तर पर कोई एक फैसला लेने की बजाय राज्यों के आधार पर बात की जाएगी। इसके अलावा भोपाल में अक्टूबर के पहले सप्ताह में गठबंधन की साझा रैली के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। इस तरह गठबंधन लोकसभा चुनाव और उसके साथ ही 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचार का आगाज कर देगा।

रणनीति के मुताबिक लोकसभा चुनाव के लिए तो एकता हो ही रही है। विधानसभा चुनाव में भी इस एकता को मजबूती से पेश किया जाएगा। विपक्ष ने अपनी पहली रैली के लिए ही मध्य प्रदेश को चुना है, लेकिन अब तक इस राज्य में भी सीट शेयरिंग को लेकर कोई बात नहीं हुई है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने तो यहां अपने 10 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। माना जा रहा है कि भाजपा के साथ करो या मरो के मुकाबले में उतरने जा रही कांग्रेस पर सीटों के लिए दबाव बनाने के मकसद से आप ने ऐसा किया है। अब देखना होगा कि दोनों दल किसी समझौते पर पहुंच पाते हैं या फिर नहीं।

मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी का कभी कोई विधायक नहीं रहा है। ऐसे में कांग्रेस भी अपने कोटे से सीटें देने से बचना चाहेगी। ऐसी ही स्थिति राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी बन सकती है, जहां आम आदमी पार्टी एंट्री की कोशिश में है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि सीट शेयरिंग का फॉमूला हर राज्य की स्थिति के अनुसार अलग होगा। इसलिए राज्य स्तर पर ही सीटों का बंटवारा तय कर लिया जाए। हालांकि इसके लिए कौन त्याग करेगा और कौन नहीं, इस पर सीटों का बंटवारा निर्भर करेगा।

इस बीच उमर अब्दुल्ला ने बुधवार की मीटिंग में एक सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जिस भी सीट पर गठबंधन का कोई सांसद है, वहां वह सीट उसी दल को लड़ने का मौका दिया जाए। उसे सीट शेयरिंग में समझौते से दूर रखा जाए। इसका मतलब हुआ कि सिटिंग सांसदों वाली सीटें बरकरार रखी जाएं और 2019 में भाजपा या एनडीएम के दलों के खाते में गई सीटों पर विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारने पर विचार करे। बुधवार की मीटिंग में 12 दलों के नेता ही मौजूद थे, जबकि गठबंधन 28 दलों की एकजुटता की बात करता है।

भोपाल की रैली के मुद्दे कांग्रेस ने तय किए, अगली बैठक भी तय

कांग्रेस के संगठन महासचिव और समन्वय समिति के सदस्य केसी वेणुगोपाल ने बताया कि भोपाल की रैली महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ होगी। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, सरकार पर जातिगत जनगणना कराने का दबाव बनाया जाएगा। समिति की अगली बैठक संसद के विशेष सत्र के बाद हो सकती है। इसमें चुनाव रणनीति और साझा कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने को लेकर चर्चा होनी की उम्मीद है।