नई दिल्ली
कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड (सीडीजीएल) और उसके वित्तीय ऋणदाता इंडसइंड बैंक के बीच समझौता हो गया है। इस समझौता के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कंपनी के खिलाफ दिवाला आदेश को रद्द कर दिया है। यह कंपनी कॉफी श्रृंखला कैफे कॉफी डे का परिचालन करती है।
सीडीजीएल और इंडसइंड बैंक के वकील ने एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ को समझौते के बारे में सूचित किया और दिवाला मुकदमे को वापस लेने की अनुमति मांगी।
न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और श्रीशा मेरला की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी दलीलों को रिकॉर्ड पर लिया और सीडीजीएल को दिवालिया घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया। इससे पहले 11 अगस्त को एनसीएलएटी ने एक अंतरिम आदेश के जरिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सीडीजीएल के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के निर्देश पर रोक लगा दी थी।
एनसीएलटी के इस आदेश को सीडीजीएल के निदेशक और दिवंगत वी जी सिद्धार्थ की पत्नी मालविका हेगड़े ने अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी। 20 जुलाई को एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने कंपनी के वित्तीय ऋणदाता इंडसइंड बैंक द्वारा 94 करोड़ रुपये के बकाया का दावा करने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया था।
इसके अलावा एनसीएलटी ने कंपनी के निदेशक मंडल को निलंबित करते हुए शैलेन्द्र अजमेरा को अंतरिम समाधान पेशेवर भी नियुक्त किया था। सीडीजीएल ने फरवरी, 2019 में 115 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण का अनुरोध किया था। मूल कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सीडीजीएल के पास 154 शहरों में 469 कैफे और 268 सीसीडी वैल्यू एक्सप्रेस कियोस्क हैं। इसकी 48,788 वेंडिंग मशीनें हैं, जो ब्रांड के तहत कॉरपोरेट स्थलों और होटलों में कॉफी वितरित करती हैं।
डीपी वर्ल्ड ने महाराष्ट्र के भिवंडी में 3.80 लाख वर्ग फुट का गोदाम शुरू किया
मुंबई
डीपी वर्ल्ड ने महाराष्ट्र के भिवंडी में 3.80 लाख वर्ग फुट का भंडारगृह (गोदाम) शुरू किया है। वैश्विक लॉजिस्टिक्स कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
डीपी वर्ल्ड ने बयान में कहा, यह भंडारगृह एक सितंबर से शुरू हो गया है जो कृषि, फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रिक वाहन और रसायन जैसे क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगा। कंपनी ने कहा कि मुंबई-नासिक राजमार्ग पर नई रणनीतिक रूप से स्थित इस सुविधा के साथ डीपी वर्ल्ड का पूरे देश में कुल भंडारण स्थल 50 लाख वर्ग फुट से अधिक हो गया है।
डीपी वर्ल्ड के अनुबंध लॉजिस्टिक्स और शीत श्रृंखला समाधान के प्रमुख अनूप चौहान ने कहा, ''कंपनी के नेटवर्क में भिवंडी गोदाम के शामिल होने से न केवल इसके बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा, बल्कि यह अपने ग्राहकों को वैश्विक और घरेलू बाजारों के बीच अधिक संपर्क हासिल करने में भी सक्षम बनाएगा।''
इस भंडारगृह को दो भागों में विभाजित किया गया है। इसमें एक खंड विशेष रूप से खतरनाक रासायनिक भंडारण के लिए डिजाइन किया गया है। दूसरा डेढ़ लाख वर्ग फुट का हिस्सा गैर-रासायनिक भंडारण के लिए है।