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चीन ने हथियारों के नाम पर पाकिस्‍तान व म्‍यांमार बेचा कबाड़ तो दुनिया ने किया किनारा, फंसा ड्रैगन

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बीजिंग

 दुनिया के हथियार बाजार पर कब्‍जा करने की फिराक में लगे चीन को बड़ा झटका लगा है। चीन के हथियार निर्यात में हाल के वर्षों में भारी गिरावट आई है। बताया जा रहा है कि चीन ने हाल के वर्षों में दुनियाभर के देशों को कई हथियार बेचे लेकिन उनकी क्‍वालिटी इतनी खराब थी कि अब ये ड्रैगन से किनारा करने लगे हैं। यही नहीं चीनी हथियार जरूरत के समय धोखा दे रहे हैं जिससे म्‍यांमार जैसे गृहयुद्ध से जूझ रहे देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन का निर्यात 25 फीसदी तक गिर गया है।

डायरेक्‍टस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सेना पीएलए को भी घटिया क्‍वालिटी के हथियारों से जूझना पड़ रहा है। वह भी तब जब ताइवान को लेकर चीन को अमेरिका से युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। सिप्री की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2016 से 2020 के बीच में चीन के हथियारों का निर्यात 7.8 प्रतिशत गिर गया। इसके फलस्‍वरूप दुनिया के हथियार बाजार में चीन का हिस्‍सा 5.6 से गिरकर 5.2 प्रतिशत अब पहुंच गया है। इससे पहले सस्‍ते होने की वजह से चीन के हथियारों की दुनियाभर में डिमांड थी।

दुनिया के 53 देशों को चीन ने बेचा है हथियार

हालांकि जब ये जंग के मैदान में कबाड़ निकलने लगे तो दुनिया ने अब चीनी हथियारों से किनारा कर लिया है। अमेरिकी थिंक टैंक रैंड कार्पोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन बहुत प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक कीमत पर दुनिया को हथियार और सैन्‍य उपकरण बेचता है लेकिन बाद में वह ऐसे देशों से वह कई और तरीकों से पैसे वसूल लेता है। इसमें खासतौर पर तब जब ये उपकरण खराब हो जाते हैं और उन्‍हें सही करना होता है। डायरेक्‍टस की रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी क्षमता की कमी की वजह से चीन के सैन्‍य उपकरण बहुत महंगे साबित हो सकते हैं।

चीन ने दुनिया के 53 देशों को हथियारों की सप्‍लाई की है। इसमें पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश, श्रीलंका, म्‍यांमार, अफ्रीकी और पश्चिम एशिया के देश शाामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन के हथियार न केवल तकनीक के मामले में पिछड़े हैं, बल्कि वे जंग में भी नहीं अजमाए गए होते हैं। यही वजह है कि म्‍यांमार चीन और पाकिस्‍तान के बनाए जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदकर फंस गया। उसने पाकिस्‍तान और चीन दोनों को ही जमकर सुनाया है। म्‍यांमार ने इसके लिए करोड़ों डॉलर पाकिस्‍तान को दिए थे। म्‍यांमार ने अब सुखोई 30 फाइटर जेट खरीदे हैं। वहीं पाकिस्‍तानी सेना भी चीन के टैंक, एफ-22 युद्धपोत और सबमरीन की खराबी से परेशान है।