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लंदन में भारतीय उच्चायोग में हिंसा करने वाले 15 खालिस्तानियों की NIA ने की पहचान, लुक आउट सर्कुलर की तैयारी

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 नई दिल्ली

इसी साल 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हिंसा हुई थी। इसमें शामिल 45 लोगों की तस्वीरें जारी की गई थी। दो महीने से अधिक समय बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उनमें से 15 उपद्रवियों की पहचान कर ली है। उनकी तस्वीरें भेजने की तैयारी कर रही है। उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने की योजना पर भी काम चल रहा है। एनआईए ने जिन 15 उपद्रवियों की पहचान की है, उनमें से चार खालिस्तान समर्थक हैं। उन्होंने कथित तौर पर 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया था। भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी हमले की जांच के लिए एनआईए की एक और टीम अगले महीने कनाडा का दौरा करने वाली है। एनआईए द्वारा 15 लोगों की पहचान किए जाने के बाद अगली चुनौती ब्रिटिश सरकार को उनके खिलाफ कदम उठाने के लिए राजी करना होगा। आपको बता दें कि ब्रिटेन में भारत के यूएपीए के समान कोई कानून नहीं है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति के लिए स्थानीय सरकार के कदम का इंतजार करना होगा।

केंद्र सरकार ने दिए थे FIR के निर्देश
इसी साल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को लंदन विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक नया मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़े आतंकवादियों का भी नाम सामने आया था। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को भी कार्रवाई का निर्देश दिया था। उसने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

पहचान के लिए 500 से अधिक कॉल आए
मई में एनआईए की एक टीम ने यूके का दौरा किया और सबूत एकत्र किए। भारत लौटने पर उन्होंने घटना के पांच वीडियो जारी किए। आम जनता से उन संदिग्धों की पहचान करने में मदद करने के लिए कहा। सूत्रों का कहना है कि एजेंसी को 500 से अधिक फोन कॉल आए।

RAW ने की NIA की मदद
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने भी संदिग्धों की पहचान करने में एनआईए की टीम की मदद की। एफआईआर में तीन व्यक्तियों (अवतार सिंह उर्फ खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह) के नामों का उल्लेख किया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ''खांडा की जून में बर्मिंघम में मृत्यु हो गई और एनआईए अपनी केस फाइल के लिए उनका मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए संबंधित विभाग के संपर्क में है।"

अमृतपाल सिंह से भी पूछताछ
जांच के दौरान एनआईए ने ब्रिटेन की घटना के संबंध में असम की डिब्रूगढ़ जेल में वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके नौ सहयोगियों से पूछताछ की थी। इस दौरान पता चला कि वे खांडा के संपर्क में थे, जिन्होंने भारत विरोधी नारे लगाकर प्रदर्शनकारियों को उकसाया था। खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए गए थे।