लखनऊ
भारत सरकार द्वारा बगैर ब्याज के 50 सालों के लिए यूपी को दिए गए 17939 करोड़ रुपये में से आधे से भी अधिक धनराशि प्रदेश की बिजली व्यवस्था को सुधारने पर खर्च की जाएगी। इस विशेष सहायता से यूपी की बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए 16 काम होंगे जिस पर 9676.14 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। इसके बाद 5026.52 करोड़ रुपये की लागत से पीडब्ल्यूडी की 164 कार्यों को प्रस्तावित किया गया है।
औद्योगिक विकास व इंफ्रास्ट्रक्चर की 20 परियोजनाएं
विशेष सहायता के तहत केंद्र सरकार से मिलने वाली धनराशि से ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, परिवहन, औद्योगिक विकास व मूलभूत सुविधाओं का विकास तथा गृह विभाग की योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। परिवहन विभाग को 200 करोड़ रुपये इसमें से मिलने हैं। बताया जाता है कि इस धनराशि से ई-बसों का खरीदा जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा औद्योगिक विकास व इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की 20 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, जिनके लिए 2849.27 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव है।
गृह (पुलिस विभाग) के आधुनिकीकरण तथा अन्य सुविधाओं से जुड़ी 16 कार्य प्रस्तावित किए गए हैं जिन पर 187.07 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। सरकार ने इन प्रस्तावित योजनाओं के कार्यों की नियमित समीक्षा करने का आदेश दिया है। पांच विभागों की इन प्रस्तावित परियोजनाओं पर ही धनराशि खर्च की जाएगी।
31 मार्च 2024 तक किया जाना है इस धन का उपभोग
इस वित्तीय वर्ष में भारत सरकार से यूपी को मिलने वाले 17939 करोड़ रुपये में से 11959.93 करोड़ रुपये राज्य को मिल चुके हैं। शेष धनराशि प्रथम किस्त में जारी धनराशि का 75 फीसदी खर्च हो जाने तथा राज्य सरकार के बजट से विकास कार्यों के लिए (पूंजीगत व्यय) के लिए निर्धारित 83144 करोड़ रुपये में से 45 फीसदी (37415 करोड़) खर्च हो जाने पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। केंद्र सरकार की इस विशेष सहायता का उपभोग 31 मार्च 2024 तक करने की शर्त है।