नईदिल्ली
आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही एयरलाइन स्पाइसजेट ने कलानिधि मारन के स्वामित्व वाली काल एयरवेज को कुल 100 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। स्पाइसजेट ने शेयर बाजार को बताया कि उसने अब तक काल एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड को 77.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार अब 22.5 करोड़ रुपये का भुगतान करके 100 करोड़ रुपये का भुगतान पूरा कर लिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्पाइसजेट ने इस बकाये का भुगतान कर दिया है। इस तरह, कुल 100 करोड़ रुपये चुकाए जा चुके हैं।
क्या कहा एयरलाइन ने: स्पाइसजेट की ओर से शेयर बाजार को बताया गया है- हम कानूनी प्रक्रिया को स्वीकार करते हैं और क्रेडिट सुइस मामले में सभी अदालती निर्देशों और दायित्वों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पाइसजेट को 10 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने का आदेश दिया था।
हालांकि, स्पाइसजेट ने अदालत को सूचित किया कि 9 और 10 सितंबर को होने वाली बैंक छुट्टियों के कारण वह इस समय सीमा को पूरा नहीं कर सकी। एयरलाइन ने आंशिक भुगतान के रूप में ₹37.5 करोड़ का चेक अदालत में पेश किया, लेकिन मारन परिवार के कानूनी प्रतिनिधि ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय स्पाइसजेट से आरटीजीएस के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने का अनुरोध किया। इसके बाद, दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पाइसजेट से मारन परिवार की जरूरत को ध्यान में रखकर भुगतान करने को कहा। अब मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को होनी है।
2015 से चल रहा विवाद
2015 से क्रेडिट सुइस और स्पाइसजेट लगभग 24 मिलियन डॉलर के अवैतनिक बकाया के क्रेडिट सुइस के दावे से संबंधित कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। इस विवाद के कारण मद्रास उच्च न्यायालय को 2021 में एयरलाइन को बंद करने का आदेश देना पड़ा। इसके बाद स्पाइसजेट ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील की और फिर मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। इससे दोनों पक्षों को समझौता करने की अनुमति मिल गई।
अगस्त 2022 में, दोनों पक्षों ने विवाद को सुलझाने के लिए अपने समझौते की जानकारी शीर्ष अदालत को दी। इसके बाद मार्च 2023 में क्रेडिट सुइस ने स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक अजय सिंह के खिलाफ बकाया भुगतान में निपटान शर्तों का पालन न करने का आरोप लगाते हुए अवमानना मामला दायर किया।
इसी मामले में कोर्ट ने स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह को 22 सितंबर तक क्रेडिट सुइस किस्त के लिए 500,000 डॉलर और डिफॉल्ट रकम के लिए अतिरिक्त 1 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का सख्त आदेश दिया। कोर्ट तो ये भी कहा कि अगर इस आदेश को नहीं माना जाता है तो अगली तारीख को अजय सिंह को तिहाड़ जेल में भेज दिया जाएगा। अदालत ने सिंह को भविष्य में सभी सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का भी आदेश दिया है।