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राजभर बेकाबू? यूपी में किसी बीजेपी नेता को भाव नहीं दे रहे, सीधे दिल्ली की बात करने लगे

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लखनऊ
यूपी की सियासत में अपने अलग अंदाज से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले ओमप्रकाश राजभर घोसी उपचुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी दारा सिंह चौहान की हार के बाद भी चर्चा में बने हुए हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्‍यक्ष राजभर पिछले दिनों जब एनडीए में शामिल हुए तो यह माना जा रहा था कि घोसी उपचुनाव में उनकी ताकत का टेस्‍ट किया जाएगा और बीजेपी जीती तो योगी मंत्रिमंडल में उनकी जगह सेट हो जाएगी। जाहिर है कि घोसी की हार के बाद राजभर का मंत्री बनना खटाई में पड़ते दिख रहा है लेकिन राजभर तो राजभर हैं। सोमवार को इस सवाल पर उन्‍होंने जिस तरह पार्टी के आला हाईकमान के कंधे पर रखकर बंदूक तानी उससे साफ है कि मंत्री बनने के सवाल पर राजभर यूपी बीजेपी के किसी नेता को भाव नहीं दे रहे। सीधे दिल्‍ली बात कर रहें हैं।  

राजभर से सवाल हुआ था कि घोसी की हार के बाद तो उनका और दारा सिंह चौहान का मंत्री बनना मुश्किल है? इस पर राजभर ने जवाब दिया, 'मंत्री क्‍यों नहीं बन पाएंगे? एनडीए के मालिक विरोधी पार्टी के लोग हैं क्‍या? भाई देखिए, मैं फिर कह रहा हूं कि एनडीए के मालिक विपक्ष के लोग तो नहीं हैं न। मालिक हम लोग हैं तो मर्जी भी हमारी ही होगी। हम एनडीए में शामिल हैं। एनडीए के मुखिया मोदी जी, अमित शाह जी, नड्डा जी, ये लोग न मालिक हैं। राजभर ने कहा कि जो लोग परेशान हैं उनसे कहिए कि दिल थाम कर बैठें, कहीं कलेजा न फट जाए।'

राजभर का यह बयान सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इस पर प्रतिक्रियाएं भी खूब आ रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि राज्‍य के मंत्रिमंडल में किसी को शामिल करना, न करना जब मुख्‍यमंत्री का विशेषाधिकार है तो फिर राजभर केंद्रीय नेतृत्‍व की बात क्‍यों कर रहे हैं? दरअसल, राजभर योगी आदित्‍यनाथ की पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्‍हें लगातार विषवमन के चलते मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त किया गया था।

राजभर, सरकार में मंत्री रहते भी मुख्‍यममंत्री योगी आदित्‍यनाथ की आलोचना करते रहे थे। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान तो उन्‍होंने अपने भाषणों में बीजेपी और सीएम पर जमकर हमले बोले थे। हालांकि दोबारा एनडीए में शामिल होने के बाद उन्‍होंने सीएम से मुलाकात कर मुस्‍कुराती हुए तस्‍वीरें भी खिंचवाईं जिसके बाद लगा ककि सब ठीक हो गया। लेकिन अब एक बार फिर उन्‍होंने प्रदेश सरकार और बीजेपी की प्रदेश इकाई को बबाइपास कर सीधे दिल्‍ली की बात करना शुरू कर दिया है।

बीजेपी नेताओं ने साधी चुप्‍पी
उधर, राजभर के ताजा बयान पर बीजेपी नेताओं ने चुप्‍पी साध ली है। पार्टी का कोई वरिष्‍ठ नेता इस पर बोलने को तैयार नहीं। राजभर को मंत्री बनाए जाने की संभावनाओं पर बस इतना कहकर काम चलाया जा रहा है कि यह सब नेतृत्‍व तय करेगा।