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प्रकाश राज ने की सनातन की डेंगू से तुलना, मुस्लिम टोपी का दिया उदाहरण

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बेंगलुरु

अभिनेता प्रकाश राज ने भी 'सनातन धर्म' को खत्म करने की बात कही है। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सनातन की तुलना बीमारियों से की। हालांकि, यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी वह धर्म को 'तनातन' कहने के चलते विवादों में आ चुके हैं। चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले भी उन्होंने ISRO के मिशन पर सवाल उठा दिए थे, जिसे लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हो गई थी।

 राज का कहना है कि श्रीराम के जुलूस में 18 साल के युवाओं के हाथों में चाकू और तलवार देखकर दुख हुआ। कलबुर्गी में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह सोचकर आश्चर्य होता है कि उनका ब्रेनवॉश किसने किया होगा। अभिनेता ने कहा, 'क्या 8 साल के बच्चे को धर्म से जोड़ना सनातन नहीं है? यह डेंगू बुखार जैसा है, जिसे खत्म किया जना जरूरी है। हम किस देश में जी रहे हैं? बीआर आंबेडकर के चलते छुआछूत गलत हो गई, लेकिन लोगों की मानसिकता नहीं जा रही।'

इस दौरान उन्होंने एक मुस्लिम कंडक्टर का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में एक मुस्लिम बस कंडक्टर था, जिसने टोपी पहनी हुई थी। एक महिला ने उसे हटाने के लिए कहा। ऐसा बोलने वाले लोग भी होंगे। आस-पास कौन थे, जो यह सब होते हुए देख रहे थे? कोई कंडक्टर इयप्पा माला पहनेगा, तो उसे कंडक्टर के तौर पर देखेंगे या भक्ति के जरिए। एक कंडक्टर हनुमान टोपी पहनकर बस के सुरक्षित रूप से चलने की प्रार्थना करेगा।'

उन्होंने आगे कहा, 'क्या हर कोई कपड़े उतार कर बैठ सकता है? सभी को अपने धर्मों का पालन करना चाहिए। इस देश में सभी को जीवित रहना चाहिए? समाज में सभी को रहना चाहिए।'

पहले भी हो चुका है विरोध
रविवार को ही राज के कलबुर्गी आने को लेकर जमकर विरोध हुआ था। कई हिंदू समूहों ने प्रदर्शन किया और कलेक्टर और उपायुक्त को मेमोरेंडम भी सौंपा था। ये समूह राज के कथित 'हिंदू विरोधी' बयानों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और शहर में उनके प्रवेश पर रोक की मांग कर रहे थे।। उस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

गोमुत्र से की थी सफाई
कुछ सप्ताह पहले ही राज कर्नाटक के शिवमोगा पहुंच थे। उनके जाने के बाद विरोध के रूप में संगठनों ने गोमुत्र का छिड़काव किया था। चंद्रयान को लेकर भी हुए बवाल के बाद उन्हें सफाई दी थी और कहा था कि यह मलयालम जोक से जुड़ा हुआ था।

उदयनिधि स्टालिन भी कर चुके विरोध
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि ने भी सनातन धर्म को 'खत्म' करने की बात कही थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक ने भी सनातन धर्म को बीमारी की तरह बताया था।