मुंबई
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एआई की दुनिया में अब अपने पैर पसारने के लिए एक बड़ी डील की है। इसके तहत जियो प्लेटफॉर्म्स ने क्लाउड आधारित एआई कंप्यूट का बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए वैश्विक चिप डिजाइन फर्म एनवीडिया के साथ करार किया गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी चिप निर्माता एनविडिया के साथ हुई ये डील भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर चिप महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
इस साझेदारी से रिलायंस इंडस्ट्रीज के डिजिटल सेवा कारोबार को और बढ़ावा मिलेगा, जो जियो प्लेटफॉर्म्स के अंतर्गत आता है. जियो प्लेटफॉर्म्स की ओर से एक बयान में कहा गया है कि एआई क्लाउड का यह नया बुनियादी ढांचा देश भर के शोधकर्ताओं, डेवलपर, स्टार्टअप, वैज्ञानिकों, एआई विशेषज्ञों को त्वरित कंप्यूटिंग और हाई-स्पीड, सुरक्षित क्लाउड नेटवर्किंग तक पहुंच में सक्षम बनाएगा। एनविडिया के फाउंडर और सीईओ जेनसेन हुआंग ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक एआई सुपर कंप्यूटर बनाने के लिए रिलायंस के साथ साझेदारी करके हमें खुशी हो रही है। भारत के पास स्किल, डेटा और टेलेंट है। सबसे उन्नत एआई कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे के साथ, रिलायंस अपने स्वयं के बड़े लैंग्वेज मॉडल का निर्माण कर सकता है, जो भारत के लोगों के लिए देश में बने जेनरेटर एआई अनुप्रयोगों को शक्ति प्रदान करेगा।
कॉफी डे एंटरप्राइजेज के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही के लिए अर्जी दायर
नई दिल्ली
कॉफी डे एंटरप्राइजेज के खिलाफ दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 की धारा 7 के तहत दिवाला कार्यवाही के लिए एक आवेदन दायर किया गया है। 228.45 करोड़ रुपये के कथित डिफ़ॉल्ट के लिए आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड द्वारा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, बेंगलुरु के समक्ष आवेदन दायर किया गया है।
कॉफी डे एंटरप्राइजेज ने एक फाइलिंग में कहा, “कंपनी उचित कानूनी सलाह ले रही है और उपरोक्त मामले में अपने हितों की रक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाएगी।” यह आवेदन राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा एनसीएलटी के उस आदेश पर रोक लगाने के लगभग एक महीने बाद आया है, जिसमें कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया गया था।
फाइलिंग में कहा गया है, “आपको सूचित किया जाता है कि 228,45,74,180 रुपये के कथित डिफॉल्ट के लिए कंपनी के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, बेंगलुरु के समक्ष आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड द्वारा दिवाला और दिवालियापन नियम, 2019 के नियम 4 के साथ पठित दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 की धारा 7 के तहत एक आवेदन दायर किया गया है।” यह भी कहा गया है, “कंपनी उचित कानूनी सलाह ले रही है और उपरोक्त मामले में अपने हितों की रक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाएगी।”