अदीस अबाबा
उत्तरी पूर्वी अफ्रीकी देश सूडान में चल रहे संघर्ष के कारण 78,598 लोग शरण के लिए इथियोपिया में प्रवेश कर चुके है। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने यह जानकारी दी है।
ओसीएचए के आंकड़ों के मुताबिक 29 अगस्त तक संघर्ष प्रभावित सूडान से पड़ोसी देश इथियोपिया आने वाले शरणार्थियों की संख्या 78,598 हो गयी है। सीमा करने वाले कुल लोगों में करीब 46 प्रतिशत इथियोपियाई नागरिक, 34 प्रतिशत सूडानी नागरिक हैं जबकि शेष 20 प्रतिशत तीसरे देश के नागरिक हैं।
ओसीएचए ने बताया कि सीमा पार का यह सिलसिला सूडान में संघर्ष की शुरुआत के तुरंत बाद मुख्य रूप से मेटेमा और कुर्मुक इथियोपिया-सूडान सीमा प्रवेश केन्द्र से 21 अप्रैल को शुरू हुआ था।
उल्लेखनीय है कि सूडान 15 अप्रैल से खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में देश के सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के बीच भीषण झड़प जारी है।
600 मिलियन डॉलर से अधिक के अवैध कारोबार के आरोप में चार भारतीय-अमेरिकी गिरफ्तार
न्यूयॉर्क
चार भारतीय-अमेरिकियों को न्यूयॉर्क में बिना लाइसेंस के धन प्रेषण व्यवसाय के माध्यम से 600 मिलियन डॉलर से अधिक की प्रोसेसिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने बताया कि राज वैद्य, राकेश वैद्य, श्रेय वैद्य, व न्यू जर्सी के 26 वर्षीय नील पटेल पर गुरुवार को बिना लाइसेंस के धन प्रेषण व्यवसाय के संचालन और सहायता के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
वकील ने कहा कि ग्रेट नेक, न्यूयॉर्क के 57 वर्षीय पांचवें व्यक्ति यूसुफ जानफ़र को भी गिरफ्तार किया गया। इस मामले में दायर दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, राज, राकेश, श्रेय और नील 2019 से न्यूयॉर्क शहर के डायमंड डिस्ट्रिक्ट में हीरा, सोना और आभूषण कंपनियों का संचालन कर रहे थे। इन्हों ने इन कंपनियों और अन्य संस्थाओं का इस्तेमाल ग्राहकों के लिए अवैध वित्तीय लेनदेन में सैकड़ों मिलियन डॉलर का संचालन करने के लिए किया। इसमें पर्याप्त शुल्क के बदले में नकदी को चेक या वायर ट्रांसफर में परिवर्तित करना शामिल है। उन्होंने एक ही दिन में लाखों डॉलर की नकदी भी स्थानांतरित की। उनकी कोई भी कंपनी न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी या वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क के साथ धन प्रेषण व्यवसाय के रूप में पंजीकृत नहीं थी। अवैध धन प्रेषण व्यवसाय के संचालन, सहायता और बढ़ावा देने के आरोप में अधिकतम पांच साल की जेल और 250,000 डॉलर का जुर्माना है।
अमेरिका ने जब्त किया ईरान का दस लाख बैरल कच्चा तेल, ईरान ने लगाया डकैती का आरोप
वाशिंगटन
अमेरिका ने ईरान का दस लाख बैरल कच्चा तेल जब्त कर लिया है। ईरान ने अमेरिका की निंदा करते हुए इसे डकैती करार दिया है। अमेरिका के न्यायिक विभाग ने दस लाख बैरल तेल वाले ईरानी कार्गो को जब्त किये जाने की जानकारी दी।
न्यायिक विभाग ने एक बयान में कहा कि यह उस कंपनी से जुड़ा आपराधिक मामला है, जिसने ईरान के तेल की अवैध बिक्री और परिवहन की सुविधा देकर प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है। ईरान के तेल की जब्ती के बाद वॉशिंगटन ने तेहरान पर खाड़ी पार करने वाले कई जहाजों को जब्त करने का आरोप लगाया। हालांकि, ईरान ने अंतरराष्ट्रीय जल में ईरानी संपत्ति पर कब्जा करना समुद्री डकैती के बराबर बताया है। वहीं अमेरिका ईरान के तेल जहाजों को रोकने को कानून प्रवर्तन के रूप में मानता है।
अगस्त में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि वाशिंगटन बढ़ते परमाणु खतरों को कम करने के लिए तेहरान के किसी भी कदम का स्वागत करता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि ईरान की हिरासत में लिए गए अमेरिकी नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया जारी है। साल 2015 के परमाणु समझौते में ईरान ने आर्थिक प्रतिबंध हटाने के बदले में अपने परमाणु विकास को घटा दिया था, जिसे अब पुनर्जीवित करना अमेरिका और ईरान दोनों के लिए मुश्किल हो गया है। यह डील वर्ष 2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रद्द कर दी थी।