नई दिल्ली
विश्व के सबसे प्रभावशाली समूह जी20 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए हमारा देश तैयार है। यह नया भारत है, जो सबसे कठिन दौर में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। असहमतियों के दौर में सहमति और समाधान पर जोर दे रहा है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ और ‘अतिथि देवो भव’ की अपनी शाश्वत रीति-नीति पर आगे बढ़ते हुए नया भारत दुनियाभर के दिग्गजों का स्वागत कर रहा है।
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के संगठन की बैठक के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा समेत ज्यादातर राष्ट्राध्यक्ष शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे। शिखर सम्मेलन में समावेशी आर्थिक विकास, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु वित्त पोषण से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। सम्मेलन में 40 देशों के नेता एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। चीन और रूस के राष्ट्राध्यक्ष स्वयं शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन इनके प्रतिनिधि मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया दुनिया के दिग्गज प्रतिनिधियों की मेजबानी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास जताया कि जी20 शिखर सम्मेलन से संतुलित और समावेशी विकास की नई राह तय होगी। लैंगिक समानता, महिला सशक्तीकरण, दुनिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों को भी गति मिलेगी।
G-20 समिट के लिए राजधानी दिल्ली तैयार है. यह समिट दो दिन 9 और 10 सितंबर तक चलेगी. आज पहले दिन दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के दिग्गज नेता एकसाथ बैठेंगे. शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति समेत अन्य राष्ट्रों के अध्यक्ष भारत पहुंच गए हैं.
पीएम मोदी ने दिया सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मंत्र
पीएम मोदी ने विश्व में 'विश्वास का संकट' बताकर 'सबका साथ, सबका विकास' वाला मंत्र दिया. मोदी ने कहा, ये वो समय है, जब वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं. इसलिए हमें मानव शांति दृष्टिकोण के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए आगे बढ़ना है. कोरोना के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है. युद्ध ने इस विश्वास के संकट को और गहरा किया है. जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं. आज जी-20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले वैश्विक तौर पर इस संकट को एक विश्वास और भरोसे में बदलें. यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है. इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ पथप्रर्दशक बन सकता है.
सभी के साथ मिलकर चलने का समय: मोदी
कोरोना के बाद विश्वास के अभाव का संकट आया है. युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है. जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा में विश्वास के संकट को भी दूर सकते हैं. ये हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है.
भारत ने ढाई हजार साल पहले मानव कल्याण का संदेश दिया था: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले मोरक्को में भूकंप की घटना पर दुख जताया और मदद का भरोसा दिलाया. पीएम ने जी-20 की अध्यक्षता के तौर पर सभी देशों का स्वागत किया. उन्होंने कहा, आज हम जिस स्थान पर एकत्रित हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ लगा है. इस पर प्राकृतिक भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए. ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने ये संदेश पूरी दुनिया को दिया था. 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है. दुनिया हमसे नए समाधान मांग रहे हैं. इसलिए हमें अपने हर दायित्व को निभाते हुए आगे बढ़ना है.
G20 शिखर सम्मेलन का पहला दिन (9 सितंबर)
>> 09:30-10:30 बजे शिखर सम्मेलन स्थल यानी कि भारत मंडपम में नेताओं और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों का आगमन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी का स्वागत करेंगे।
>> 10:30-13:30 बजे पहला सत्र होगा। इसे बाद लंच का कार्यक्रम।
>> 13:30-15:00 बजे तक भारत मंडपम में द्विपक्षीय बैठकें होंगी।
>> 15:00-16:45 दूसरे सत्र का आयोजन। इसके बाद सभी अपने-अपने होटल लौटेंगे।
>> 19:00-20:00 डिनर के लिए नेताओं और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों का आगमन होगा।
>> ग्रुफ फोटो
>> 20:00-21:15 बजे डिनर पर बातचीत।
>> 21:10-21:45 बजे जी-20 देशों के नेताओं और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों का भारत मंडपम में जुटान।
G20 शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन (10 सितंबर)
>> 08:15-09:00 बजे राजघाट पर नेताओं और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों का आगमन। राजघाट पर लीडर्स लाउंज के अंदर शांति दीवार पर हस्ताक्षर करेंगे।
>> 09:00-09:20 महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम। महात्मा गांधी के पसंदीदा भक्ति गीतों का लाइव प्रदर्शन।
>> 09:20 बजे जी-20 देश के नेता और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख लीडर्स लाउंज में जाएंगे। अलग-अलग काफिले में भारत मंडपम के लिए प्रस्थान करेंगे।
>> 09:40-10:15 भारत मंडपम में नेताओं और प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों का आगमन होगा।
>> 10:15-10:28 भारत मंडपम में वृक्षारोपण समारोह।
>> 10:30-12:30 तीसरे सत्र की शुरुआत।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को एक्स पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि वंचितों और कतार के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने के उनके मिशन का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम हरित विकास समझौते की प्रगति में तेजी लाना चाहते हैं। तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे भविष्य के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, भारत की जी 20 की अध्यक्षता वसुधैव कुटुम्बकम् थीम पर आधारित है। यानी एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य। भारत का मानना है कि पूरी दुनिया एक परिवार है और सबके साझा हित और चिंताएं हैं। भारत ने ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्रमुखता से उजागर किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिखर सम्मेलन में एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य विषय पर सत्र होगा।
सकारात्मक बदलाव की उम्मीदें शिखर सम्मेलन से पहले जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया जलवायु कार्रवाई और जलवायु वित्तपोषण के संदर्भ में हरित विकास का नेतृत्व करे। पृथ्वी की सतह के वैश्विक तापमान में 1.15 डिग्री की वृद्धि हुई है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा, उम्मीद है कि पिछले नौ महीनों में हुई बातचीत पर विश्व के नेतागण सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।