नई दिल्ली
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने कहा है कि वायु गुणवत्ता और जलवायु आपस में जुड़े हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन और वायु की गुणवत्ता को खराब करने में योगदान देने वाले पदार्थ अक्सर एक ही स्त्रोत से निकलते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जंगल की आग, रेगिस्तान से उठने वाली धूल और बार-बार चलने वाली लू हवा की गुणवत्ता को काफी हद तक खराब कर रही है।
अमेरिका और यूरोप में लू, जंगल की आग और धूल ने 2022 में वायु गुणवत्ता को खराब कर दिया, जिसका स्वास्थ्य के साथ ही पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल उच्च तापमान ही खतरा नहीं है, बल्कि इसके कारण होने वाले प्रदूषण के प्रभाव भी उतने ही खतरनाक हैं। 2022 में यूरोप को रिकार्ड गर्मी का सामना करना पड़ा था। इसके कारण प्रदूषक कण के साथ ही और धरती के नजदीक ओजोन का स्तर बढ़ गया था। कई यूरोपीय वायु गुणवत्ता निगरानी स्थल पर ओजोन का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के तय मानक से अधिक हो गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्ट्रेटोस्फियर के पास मौजूद ओजोन जहां सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाता है, वहीं धरती के करीब मौजूद ओजोन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। यह खाद्य फसलों की उपज को भी प्रभावित करता है। ओजोन की वजह से भारत और चीन में गेहूं और सोयाबीन की उपज में 15 से 30 प्रतिशत तक नुकसान दर्ज किया गया था। वैश्विक स्तर पर ओजोन की वजह से फसल का नुकसान औसतन 4.4-12.4 प्रतिशत था।