नई दिल्ली
देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' किए जाने की सुगबुगाहट के बीच अब यूनाइटेड नेशन (यूएन) ने भी अपना पक्ष रखा है। बीते मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से दिए गए जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण में उनका जिक्र 'इंडिया के राष्ट्रपति' के बजाय 'भारत के राष्ट्रपति' के रूप में किया गया था। जिसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर देश का नाम बदलने का आरोप लगाया। कथित तौर पर देश के नाम 'इंडिया' से 'भारत' रखे जाने के पक्ष और विपक्ष में कई आवाजें उठीं। कई लोगों ने इसका समर्थन किया तो बहुत से लोगों ने इसका विरोध भी किया। अब यूनाइटेड नेशन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र देशों की तरफ से उनका नाम बदलने का विचार सामने आता है तो हम इस पर विचार करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये किए जाने के उदाहरण को पेश किया। उन्होंने इंडिया का नाम बदल कर भारत किए जाने वाले उन रिपोर्टों पर आधारित अपने बयान में कहा, "तुर्किये के मामले में वहां की सरकार द्वारा हमें दिए गए एक औपचारिक अनुरोध के बाद यह कार्रवाई आगे बढ़ाई गई। जाहिर है अगर हमें इस तरह के अनुरोध मिलते हैं तो हम उन पर विचार करते हैं।"
अपने देश में मंगलवार को तब विवाद खड़ा हो गया जब राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा जी20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजा गया, जिसमें उनके नाम का जिक्र 'इंडिया के राष्ट्रपति' के बजाय 'भारत के राष्ट्रपति' के रूप में किया गया था। विपक्ष ने ऐसा करने पर मोदी सरकार का पुरजोर विरोध किया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से 'भारत' के मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से बचने के लिए कहा। पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ अपनी बातचीत के दौरान इन मुद्दों पर बात की, जिसमें उन्होंने आने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने नेताओं को बताया कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में रहने के दौरान उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों का निर्वहन करना सबसे महत्वपूर्ण है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाले गणमान्य व्यक्तियों को कोई असुविधा न हो। भारत की अध्यक्षता में 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।