नईदिल्ली
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के निदेशक अरुण कुमार सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया. बताया जा रहा है कि उनका निधन दिल्ली स्थित गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ है. वह 61 वर्ष के थे और अस्वस्थ थे. बता दें कि मार्च 2016 से वर्तमान तक वह प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री के सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले एसपीजी के निर्देशक के रूप में पदस्थापित थे. वह 1987 के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी थे, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा विंग के प्रभारी थे.
हजारीबाग से किये थे स्कूल की पढ़ाई
अरुण कुमार सिन्हा, झारखंड के हजारीबाग जिले के रहने वाले थे. उनके पिता का नाम स्वर्गीय महेंद्र प्रसाद जो भारतीय सेना में थे. उन्होंने हिंदू स्कूल हजारीबाग से स्कूल की शिक्षा प्राप्त की थी. संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से बीएससी जंतु शास्त्र विषय में वर्ष 1987 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए और इनको केरल कैडर आवंटित हुआ था. शुरुआत में केरल के दो तीन जिलों में आरक्षी अधीक्षक एवं त्रिवेंद्रम और कोचिंग के पुलिस कमिश्नर भी रहे. उसके बाद डीआईजी- आईजी के रूप में भी काम किया. वर्ष 2009 से 2014 तक बीएसएफ में आईजी के रूप में गुजरात फ्रंटियर में पदस्थापित रहे, फिर केरल वापस आए और 2016 तक एडीजी के रूप में काम किया. उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ई-मेल से जान से मारने की धमकी और लेटर बम कांड जैसे महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी. सिन्हा को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका हैं.
कैसे हुआ अरुण कुमार सिन्हा का निधन
एसपीजी के निदेशक अरुण कुमार सिन्हा का निधन जॉन्डिस का लेवल बढ़ने से हुआ है. एक सप्ताह पहले इन्हें जौंडिस हुआ था. अस्पताल में इलाज चल रहा था. 5 सितंबर को इन्हें वेंटीलेटर में रखा गया था और 6 सितंबर सुबह 6:00 बजे के करीब इनका निधन हो गया. हजारीबाग से उनके छोटे भाई पप्पू सिंहा दिल्ली जाने के लिए रांची एयरपोर्ट पहुंच गए हैं. दोपहर 3:00 बजे के बाद अरुण सिंह का अंतिम संस्कार कब और कहां होगा इसकी जानकारी सार्वजनिक होगी.