सूरत
गुजरात के सूरत शहर में एक वेबसाइट का उपयोग कर जाली आधार, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
उन्होंने बताया कि आरोपी सरकारी जानकारी प्राप्त कर रहे थे, जो गैरकानूनी और एक गंभीर मुद्दा है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने आधार और पैन कार्ड जैसे करीब दो लाख पहचान प्रमाण दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए और प्रत्येक को 15 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में बेचा।
सहायक पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) वी.के. परमार ने बताया कि एक निजी ऋणदाता बैंक के पदाधिकारियों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दो सप्ताह पहले जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण हासिल किया और उसका भुगतान नहीं किया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों में से एक की पहचान प्रिंस हेमंत प्रसाद के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने कहा कि उसने प्रति दस्तावेज 15-50 रुपये के भुगतान पर जाली आधार और पैन कार्ड डाउनलोड करने के लिए अपने पंजीकृत यूजरनेम और पासवर्ड का उपयोग कर वेबसाइट तक पहुंच बनाई।
जानकारी के आधार पर पुलिस ने वेबसाइट की जांच शुरू की।
पुलिस के मुताबिक, राजस्थान के गंगानगर के रहने वाले सोमनाथ प्रमोदकुमार को हाल ही में तकनीकी निगरानी के माध्यम से गिरफ्तार किया गया। उसका नाम वेबसाइट पर मौजूद एक फोन नंबर से संबद्ध था।
पुलिस ने बताया कि अभी तक उस पर ही अपराध का मुख्य साजिशकर्ता होने का शक है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव के रहने वाले प्रेमवीर सिंह ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसके नाम पर वेबसाइट बनाई गई थी।
अधिकारी ने बताया, ”यह राष्ट्रीय सुरक्षा का एक गंभीर मामला है। वे कोई बदलाव नहीं कर रहे बल्कि सरकारी जानकारी तक पहुंच बना रहे थे और यह एक गैर कानूनी मामला है।”
उन्होंने बताया कि ऐसा संभव है कि इसके पीछे और भी लोग हों। परमार ने बताया कि पुलिस ने प्रमोद कुमार और उसकी मां के बैंक खाते से 25 लाख रुपये जब्त किए हैं।