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दिल्ली की सड़कों पर दौड़ेंगी 400 नई इलेक्ट्रिक बसें, LG ने दिखाई हरी झंडी

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नईदिल्ली

G20 समिट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरवील और उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज दिल्ली में 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। दिल्ली में अब कुल 800 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं। इसके साथ ही दिल्ली, भारत में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसों वाला शहर बन गया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यहां एक समारोह में कहा, ''दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़कर अब 800 हो गई है। मैं इस मौके पर दिल्लीवासियों को बधाई देना चाहता हूं।''

सीएम केजरीवाल ने बाद में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बसों के लिए बजट का विवरण साझा किया। उन्होंने कहा, ''माननीय उपराज्यपाल महोदय के साथ मिलकर आज 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली की जनता को सौंपा।'' केजरीवाल ने कहा, ''ये बस सब्सिडी योजना की 921 बसों में शामिल हैं, जिनके लिए केंद्र सरकार की तरफ़ से 417 करोड़ की सब्सिडी दी गई है और दिल्ली सरकार 3674 करोड़ रुपये खर्च करेगी।''
 

    माननीय उपराज्यपाल महोदय के साथ मिलकर आज 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली की जनता को सौंपा। ये बसें सब्सिडी स्कीम की 921 बसों में शामिल हैं, जिनके लिए केंद्र सरकार की तरफ़ से 417 करोड़ की सब्सिडी दी गई है और दिल्ली सरकार 3674 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

    
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर अब कुल 800 इलेक्ट्रिक बस हो गई हैं जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने कहा, ''हमारा लक्ष्य 2025 के आख़िर तक दिल्ली की सड़कों पर कुल आठ हज़ार इलेक्ट्रिक बस उतारने का है। उस वक्त दिल्ली में 10 हजार से ज्यादा बस होंगी, जिनमें 80 फीसदी बस इलेक्ट्रिक होंगी। बहुत जल्द पूरे विश्व में दिल्ली को अपनी शानदार इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी जाना जाएगा।''

कुल 1,500 इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया है
दिल्ली सरकार ने कुल 1,500 इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया है, जिनमें से 921 बसों को FAME (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना के तहत सब्सिडी मिली है। 12 वर्षों में इन 921 बसों की परिचालन लागत 4,091 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें केंद्र सरकार FAME सब्सिडी के रूप में 417 करोड़ रुपए प्रदान करती है, जबकि दिल्ली सरकार 3,674 करोड़ रुपये वहन करती है। शेष 579 बसें पूरी तरह से दिल्ली सरकार द्वारा खरीदी और संचालित की जाएंगी, जिसमें कुल लागत का 90 प्रतिशत दिल्ली सरकार द्वारा और 10 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा FAME सब्सिडी के रूप में वहन किया जाएगा।

 
दिल्ली में अब 7,135 बसों का बेड़ा है
दिल्ली में अब 7,135 बसों का बेड़ा है, जिसमें दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के तहत 4,088 बसें और डीआईएमटीएस (दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम) के तहत 3,047 बसें शामिल हैं। इनमें से 800 इलेक्ट्रिक बसें हैं, जो वायु प्रदूषण से निपटने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के शहर के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उम्मीद है कि 800 इलेक्ट्रिक बसें सालाना लगभग 45,000 टन CO2 उत्सर्जन बचाएंगी, जिससे दिल्ली को हरित और स्वच्छ बनाने में योगदान मिलेगा। इन बसों से कुल 5.4 लाख टन CO2 बचाने का अनुमान है।

दिल्ली का लक्ष्य अपने इलेक्ट्रिक बस बेड़े को बढ़ाना
2023 के अंत तक दिल्ली का लक्ष्य अपने इलेक्ट्रिक बस बेड़े को 1,900 तक बढ़ाना है, जिससे यह विश्व स्तर पर सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसों वाले शहरों में से एक बन जाएगा। 2025 को देखते हुए, दिल्ली में कुल 10,480 बसें रखने की योजना है, जिसमें बेड़े का 80 प्रतिशत, या 8,280 बसें इलेक्ट्रिक होंगी। इस परिवर्तन से सालाना 4.67 लाख टन CO2 उत्सर्जन की बचत होने का अनुमान है, जिसमें 12 वर्षों में 5.6 मिलियन टन की आजीवन बचत होगी।