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ASP बोली- मेरा भी पर्सनल स्पेस है, घर पर नहीं मिलती; पैदल पहुंचे पूर्व डीजीपी ने सुनते ही लगा दी क्लास

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बिहार
बिहार के औरंगाबाद में अपराध की बढ़ी घटनाओं को लेकर पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद और पूर्व DGP  निखिल कुमार सोमवार की सुबह पैदल ही सदर एसडीपीओ आईपीएस स्वीटी सहरावत के आवास पर पहुंच गए। उनके साथ कुछ पीड़ित लोग भी थे। इस दौरान आईपीएस स्वीटी सहरावत से उनकी नोंकझोक की स्थिति उत्पन्न हो गई। स्वीटी सहरावत ने कहा कि यह उनका आवास है और यहां वह नहीं मिलती हैं, जिस पर पूर्व राज्यपाल ने नाराजगी जताई। कई मिनट तक दोनों ओर से बहस चलती रही जिसका वहां मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया। निखिल कुमार ने कहा कि आम जनता से अधिकारी कभी भी मिल सकते हैं। भले ही यह उनका आवास है लेकिन वह लोगों की शिकायत तो सुन सकती हैं। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि शहर में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं और लोग परेशान हैं। इसमें उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

पूर्व डीजीपी निखिल कुमार ने कहा कि चोरी की जो घटनाएं घटित हुई हैं, उसमें किसी का भी खुलासा नहीं हुआ है। शिकायतकर्ता आ रहे हैं और खुलासा नहीं होने से वह काफी निराशा हैं। एक शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके यहां से लाखों रुपए के आभूषण चोरी हो गए थे, लेकिन उसका खुलासा नहीं हो पाया। यह मामला वर्ष 2022 का है। पुलिस ने जो अनुसंधान किया, वह केवल खानापूर्ति है। इस मामले में आपसे मिलने का प्रयास करते रहे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी।
 

निखिल कुमार ने उक्त मामलों से उन्हें अवगत कराया और कहा कि पुलिस का अनुसंधान अपनी तरफ है और इन वारदातों को रोकने के लिए पूर्व में की गई कार्रवाई दूसरी बात है। उन्होंने कहा कि वह खुद देख रहे हैं कि शहर में गश्ती नहीं के बराबर होती है। वह अपने आवास से निकलते हैं तो कहीं भी पुलिस की गश्त नजर नहीं आती है। पिछले एक महीने में दर्जनों घरों में चोरी की घटनाएं घटित हुई हैं। सेवानिवृत एसआई रामरूप सिंह के घर भी चोरी हुई लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी। पुलिस की निष्क्रियता चिंताजनक है।
 

सदर एसडीपीओ ने कहा कि वह इसमें कार्रवाई करेंगी। यदि वह अनुसंधान से संतुष्ट नहीं हैं तो इसकी फिर से जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में चोरी की तीन घटनाएं घटित हुई हैं, जिसके खुलासा का प्रयास हो रहा है। शहरी क्षेत्र में पांच बाइकों से पेट्रोलिंग हो रही है। इसके अलावा दो गाड़ियां पेट्रोलिंग पर निकलती हैं। डायल 112 की गाड़ी को स्टैटिक रूप से रमेश चौक या जामा मस्जिद के समीप रखा जाता है। पैदल गश्ती भी निकल जा रही है। एसडीपीओ ने बताया कि अगस्त महीने में एक नई कार्य योजना तैयार की गई है, जिसके तहत पुलिस पदाधिकारी को विभिन्न मुहल्लों की जिम्मेदारी सौंप गई है। एसडीपीओ ने बताया कि जल्द ही गिरोह का खुलासा होगा।