नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षकों से स्कूलों में देश की सांस्कृतिक विविधता का का जश्न मनाने का आग्रह किया। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक सोमवार को सात लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर हुए इस संवाद में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हुए। मुलाकात के दौरान पीएम ने जोर दिया कि शिक्षक बच्चों को उन लोगों के बारे में बताएं जिन्होंने संघर्ष से तपकर जमीन से जुड़कर सफलता प्राप्त की है। छात्रों को इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने के लिए प्रेरित करें। चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा करते हुए मोदी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में छात्रों में जिज्ञासा को प्रोत्साहित करने के महत्व के बारे में भी बताया।
पीएमओ ने किया पोस्ट
कई शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को अपने स्कूलों में होने वाले स्वच्छता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। एक्स पर पीएम मोदी ने पोस्ट किया, देश के अनुकरणीय शिक्षकों से मुलाकात की। उनका समर्पण और शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता प्रेरणादायक है। पीएमओ द्वारा एक्स पर साझा की गई बातचीत की वीडियो क्लिप के अनुसार उन्होंने कहा, यदि आपके भीतर का छात्र जीवित है, तो आप कभी भी निराश महसूस नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को प्रोत्साहित करें।
75 शिक्षकों को पुरस्कार के लिए चुना गया
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार देश भर से कुल 75 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सम्मानित करेंगी। इनमें 50 स्कूली शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों के 13 शिक्षक और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल हैं।
भारत को ज्ञान केंद्र बनाने में बढ़ गई है शिक्षकों की भूमिका
मुर्मु राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कहा कि भारत को विश्व के ज्ञान केंद्र में बदलने में शिक्षकों की भूमिका बढ़ गई है। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल परीक्षाओं को पास करने के लिए ज्ञान नहीं देते, बल्कि वह विद्यार्थियों के मार्गदर्शक भी होते हैं जो अपने छात्र को सही रास्ता दिखाते हैं।