आगरा
आगरा के माध्यमिक विद्यालयों में छात्राओं के लिए निशुल्क सेनेटरी पेड की व्यवस्था और डिस्पोज मशीन नही मिली तो संबंधित विद्यालय की मान्यता खतरे में हो सकती है। किशोरियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है। हर शासकीय, अशासकीय गर्ल्स कॉलेज और कॉ- एजुकेशन कॉलेज में कक्षा 6 से 12 तक की छात्राओं की संख्या मांगी हैं। कॉलेज में डिस्पोज मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि इससे पूर्व भी शासन की ओर से आदेश दिए गये थे। स्कूलों में सेनेटरी पैड एटीएम और डिस्पोज मशीन लगाने के निर्देश दिए गये थे। लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्वे के अनुसार छात्राओं ने यह बात संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखी थी। रिपोर्ट शासन भेजी गई। शासन ने इसे गंभीरता से लिया। 23 अगस्त को मुख्य विकास अधिकारी ने डीआईओएस, बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जिले के संबंधित कॉलेजों को सूचना भेजने के निर्देश दिए।
डीआईओएस, डा दिनेश कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी अशासकीय और शासकीय कॉलेजों में सेनेटरी नेपकिंस की निशुल्क व्यवस्था और डिस्पोज मशीन जरुरी है। आदेश जारी हो चुका है। यदि स्कूलों में आगामी दिनों में व्यवस्था नहीं हुई तो कठोर कार्यवाही की जाएगी। मान्यता को खतरा भी हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के एक अधिकारी ने कहा था कि आगरा के 26 स्कूलों में जल्द ही सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। उन्हें मासिक धर्म के बारे में जागरूक किया जाएगा। मशीनें पहले ही – सिकंदरा में होली पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम में सचदेवा मिलेनियम स्कूल, वियाजी नगर में आगरा पब्लिक स्कूल, आर्टोनी और शाहदरा चुंगी, बल्केश्वर में एंड्रयू पब्लिक स्कूल, कमला नगर, बरौली में सेंट एंड्रयू पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपलों तक पहुंच चुकी हैं।